सार
Gujarat Assembly Election 2022: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा में मेधा पाटकर के शामिल होने पर भाजपा ने तंज कसा है। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को गुजरात विरोधी भी बताया है।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। पार्टी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में मेधा पाटकर के शामिल होने पर कहा कि कांग्रेस हमेशा से गुजरात के हितों के खिलाफ खड़ी रही है। बता दें कि मेधा पाटकर को सरदार सरोवर परियोजना का विरोध करते हुए देखा गया था, जबकि यह परियोजना गुजरात और वहां के लोगों के लिए बड़ी उपलब्धि तथा राहत देने वाली थी।
भाजपा के अनुसार, पाटकर और परियोजनों की वजह से हुए लोगों के विस्थापन का दशकों से चला आ रहा विरोध अब वोटर्स के लिए कोई मुद्दा नहीं है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का यह बयान और उनके लंबे समय से चले आ रहे अभियान कांग्रेस को गुजरात विरोधी के तौर पर पेश करने के अपने बड़े प्रयास के साथ मेल खाता दिख रहा है।
पानी को कई इलाकों में लोग अब मुद्दा नहीं मानते
यही नहीं, एक एजेंसी की ओर से राज्यभर के तमाम हिस्सों में वोटर्स से मेधा पाटकर के बारे में बात की गई, जिसमें सामने आया कि वे पाटकर को ऐसे व्यक्तित्व के तौर पर देखते हैं, जिनके विरोध की वजह से परियोजना का काम पूरा होने में देरी हुई। इस परियोजना की वजह से ही सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में पानी लाया जा सका। हालांकि, लोग अब इसे प्रमुख चुनावी मुद्दा नहीं मानते। वैसे, कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने मेधा पाटकर की इस बात के लिए तारीफ की कि उन्होंने विस्थापित लोगों के पक्ष में आवाज उठाई।
कोई तारीफ कर रहा तो कोई पाटकर का विरोध
बनासकांठा के वंतडू गांव के लोगों का कहना है कि मेधा पाटकर सरदार सरोवर परियोजना के खिलाफ थीं। इस परियोजनों की वजह से ही उनके और आसपास के कई गांवों में लोगों को पानी मिलना नसीब हुआ है। उनका कहना है कि वे किसी ऐसे व्यक्ति को पसंद नहीं कर सकते, जिसने पानी की नहरों के लिए हुए निर्माण में बाधा उत्पन्न की हो। हालांकि, जिले के एक आदिवासी राजेश तड़वी की मानें तो नर्मदा जिले में उनके एक रिश्तेदार हैं, जो पाटकर की तारीफ करते हैं, क्योंकि उन्होंने वहां विस्थापन के खिलाफ आवाज उठाई। यह परियोजना नर्मदा जिले में ही स्थित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गुजरात के एक बड़े हिस्से में पीने और सिंचाई के लिए पानी लाने वाली इस परियोजना के कई लाभ हैं। इस सब के बीच, कच्छ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पानी अब भी एक मुद्दा बना हुआ है और यह पिछले चुनावों की तरह ही इस बार भी प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक है।
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