सार
Gujarat Assembly Election 2022: अहमदाबाद जिले की जमालपुर खड़िया विधानसभा सीट पर वोटिंग सोमवार का है। इस बार कांग्रेस की टेंशन एआईएमआईएम ने बढ़ा दी है। कांग्रेस को डर है कि इस बार यह सीट उससे छूट जाएगी।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में दूसरे व अंतिम चरण की वोटिंग सोमवार 5 दिसंबर को सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। हालांकि, इससे पहले कुछ प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और वे इस चिंता में हैं कि कैसे अपने वोट को बचाए रखा जाए। ऐसा ही एक मामला अहमदाबाद जिले की कुल 21 सीटों में से एक जमालपुर खड़िया विधानसभा का है।
बता दें कि दूसरे चरण में उत्तर गुजरात और दक्षिण गुजरात के कुल 14 जिलों की 93 विधानसभा सीट पर वोटिंग सोमवार सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी, जो शाम पांच बजे तक जारी रहेगी। इस चरण में 833 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत छोटे-बड़े 60 दलों ने उम्मीदवार उतारे हैं। दोनों ही चरणों के नतीजे 8 दिसंबर को जारी होंगे।
साबिर की वजह से भाजपा की जीत हुई!
दरअसल, जमालपुर खड़िया मुस्लिम बहुल सीट है। इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और आप के अलावा असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने भी प्रत्याशी उतारा है। ऐसे में अब मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच केवल न रहकर त्रिकोणीय हो गया है। खासतौर से चिंता कांग्रेस के लिए और बड़ी है, क्योंकि एआईएमआईएम के जो प्रत्याशी हैं, वे कांग्रेस के पूर्व विधायक रह चुके हैं। यहां 2012 में भाजपा ने जीत दर्ज थी। दरअसल, 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व विधायक साबिर काबलीवाला कांग्रेस के समीर खान सिपाई के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इस वजह से मुस्लिम वोटों का एक बड़ा हिस्सा कट गया और भाजपा उम्मीदवार भूषण भट्ट की जीत हुई।
वोटर्स 2012 वाली गलती नहीं दोहराएंगे
वहीं, पिछले यानी 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इमरान खेडावाला को टिकट दिया। तब यहां से इमरान ने 75 हजार 346 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। भाजपा के भूषण भट्ट को कुल 46 हजार वोट मिले थे और वे दूसरे स्थान पर रहे। असल में काबलीवाला ने पिछला चुनाव नहीं लड़ा था, इसलिए मुस्लिम वोट नहीं कटे, मगर काबलीवाला इस बार एआईएमआईएम पार्टी से एक बार फिर मैदान में हैं और भाजपा इससे उत्साहित है। कांग्रेस ने इस बार भी इमरान खेड़ावाला को ही टिकट दिया है। इमरान के अनुसार, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी भाजपा की बी-टीम है। वोटर्स इसे जानते हैं और वे 2012 वाली गलती इस बार नहीं करेंगे।
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