सार
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद कैप्टन ने इस बार अपनी पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी बनाई है और भाजपा के साथ गठबंधन किया है। पटियाला जिले की सभी आठों सीटों पर कैप्टन का वर्चस्व देखने को मिलता है।
चंडीगढ़। पंजाब में वोटिंग से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने टोना-टोटका का सहारा लिया है। उन्होंने अपने न्यू मोती महल में भैंस का बच्चा (कटड़ा) दान किया है। पंडितों ने मंत्रों का उच्चारण किया और पूजा-पाठ भी करवाया। पंडितों का कहना था कि कटड़ा दान करने से शनि देव शांत होते हैं, इससे काली माता भी प्रसन्न हो जाती हैं।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद कैप्टन ने इस बार अपनी पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी बनाई है और भाजपा के साथ गठबंधन किया है। पटियाला जिले की सभी आठों सीटों पर कैप्टन का वर्चस्व देखने को मिलता है। इस बार चुनाव में कैप्टन खुद अपनी सीट पर कड़ा संघर्ष कर रहे हैं।
"
कैप्टन की सांसद पत्नी और भाई भी चुनाव प्रचार कर रहे
कैप्टन की पत्नी सांसद पत्नी और कांग्रेस नेत्री परनीत कौर और उनके देवर मलविंदर सिंह भी इस चुनाव में एक साथ प्रचार करते देखे जा रहे हैं। 2012 के चुनाव में जिले की समाना हलके से टिकट को लेकर मालविंदर सिंह की भाई कैप्टन और भाभी परनीत कौर के साथ अनबन हो गई थी। तब मालविंदर सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्होंने समाना हलके में काम किया, लेकिन परनीत कौर ने अपने बेटे रणइंद्र सिंह को टिकट दिलवा दिया।
यह भी पढ़ें- -भइया शब्द बना पंजाब चुनाव की सबसे बड़ी कंट्रोवर्सी, UP से बिहार तक हंगामा..जिस पर मोदी और प्रियंका भी बोले
1997 के बाद पहली बार भाजपा और शिअद अलग-अलग
1997 के विधानसभा चुनावों के बाद ऐसा पहली बार है कि भाजपा अपने पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के बिना पंजाब में चुनाव लड़ रही है। अकाली दल पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी पार्टी थी। हाल ही में निरस्त किए गए कृषि कानूनों पर असहमति बनने के बाद शिअद ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। भाजपा ने इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींडसा की पार्टी शिअद (संयुक्त) के साथ गठबंधन किया है।
पंजाब में 20 फरवरी को मतदान, 10 मार्च को नतीजे आएंगे
पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होना है और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया।