सार

अकाली दल की ओर से अभी तक घोषणा पत्र को जारी करने के बारे में कोई ध्यान नहीं दिया गया है। कांग्रेस की ओर से यूपी के इलेक्शन में 3  चरणों में घोषणा पत्र को जारी किया गया। उत्तराखंड और गोवा में भी पार्टी ने घोषणाएं कर दी हैं। 

चंडीगढ़। बात पिछले विधानसभा चुनाव की है। कांग्रेस का ग्राफ ज्यादा ऊंचा नहीं था। कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस में विवाद चल रहा था। कैप्टन चाहते थे कि उन्हें सीएम फेस घोषित किया जाए। काफी मशक्कत के बाद कांग्रेस ने उन्हें अपना सीएम चेहरा घोषित कर दिया। कैप्टन ने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद ली। मिलकर ऐसा घोषणा पत्र बनाया- लगा कि पंजाब का कायाकल्प हो जाएगा। परिणाम यह निकला कि पंजाब में कांग्रेस की बल्ले-बल्ले हो गई। तब 117 में से 77 सीट आईं। कैप्टन ने स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई। लेकिन, बाद में वह अपना घोषणा पत्र ही भूल गए। 

इसे लेकर कैप्टन की पार्टी में आलोचना हुई। खैर घोषणा पत्र का यह एक किस्सा भर है। मगर, इस बार कैप्टन समेत पंजाब के लगभग सभी सियासी दलों ने अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया है। जानकारों का कहना है कि  घोषणा पत्र राजनीतिक पार्टियों के लिए एक भले ही एक औपचारिकता भर है। फिर भी हर किसी की नजर इस पर लगी रहती है। पता होता है कि वायदे पूरे नहीं होंगे। हालांकि चुनाव के दिनों में मतदाताओं को नेताओं के घोषणा पत्र पर यकीन भले ना हो, लेकिन वह इसका आनंद जरूर लेते हैं। 

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वोटिंग को सिर्फ 8 दिन बाकी, किसी पार्टी का घोषणा पत्र नहीं
लेकिन, पंजाब के मतदाता इस बार पार्टियों के घोषणा पत्र से मिलने वाले आनंद से वंचित हैं। अब जबकि मतदान में 8 दिन का समय रह गया है। इसके बाद भी राजनीतिक पार्टियां अभी तक अपने घोषणा पत्र तैयार नहीं कर पाई हैं। राजनीतिक समझ रखने वालों का मानना है कि घोषणा पत्र के वायदे भले ही पूर ना हों। इसके बाद भी कम से कम यह तो पता चलता है कि पार्टियां विकास को लेकर विजन क्या रखती हैं। विकास को लेकर उनकी सोच क्या है? 

अकाली दल और कांग्रेस घोषणा पत्र से बेखबर
अकाली दल की ओर से अभी तक घोषणा पत्र को जारी करने के बारे में कोई ध्यान नहीं दिया गया है। कांग्रेस की ओर से यूपी के इलेक्शन में 3  चरणों में घोषणा पत्र को जारी किया गया। उत्तराखंड और गोवा में भी पार्टी ने घोषणाएं कर दी हैं। लेकिन, पंजाब में अभी तक घोषणा पत्र की लाइन तक जारी नहीं की। 

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सिद्धू ने जरूर बनाया था पंजाब मॉडल, लेकिन अब साध ली चुप्पी
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जरूर पंजाब मॉडल नाम से घोषणाओं का एक दस्तावेज लिए घूमते रहे। अब पता नहीं, इसे पंजाब कांग्रेस अपने घोषणापत्र में शामिल करेगी या नहीं। यूं भी जब से सीएम चेहरा कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को घोषित किया है, तब से सिद्धू पंजाब मॉडल को लेकर गंभीर नहीं हैं। वे खुद कह चुके हैं कि इसे वह फेसबुक पर शेयर करेंगे, जिसे लेना हो- वह ले सकता है। 

बीजेपी जारी कर सकती घोषणा पत्र, अभी लिए हैं 11 संकल्प
बीजेपी की ओर से आज घोषणा पत्र जारी किया जा सकता है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी पंजाब में हैं। इससे पहले बीजेपी की ओर से एक संकल्प पत्र जारी किया गया था, जिसमें 11 संकल्प रखे गए हैं। इसमें शांति भाइचारा, माफिया मुक्त पंजाब, नशा मुक्त पंजाब, रोजगार, समृद्ब किसान, हेल्थ, एजुकेशन, इंडस्ट्री, बिजली के अलावा सबका साथ और सबका विकास का नारा फिर से दिया गया है। घोषणा पत्र जारी ना होने से मतदाता को अभी तक पार्टियों की विकास को लेकर सोच सामने नहीं आ रही है। 

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सिर्फ संयुक्त समाज मोर्चा ने जारी किया मैनिफेस्टो
संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से 8 फरवरी को अपना घोषणा पत्र जारी किया गया था, जिसमें पूरा फोकस किसानों पर रहा। इस बार किसानों का डेढ़ साल तक चला आंदोलन भी चुनाव पर प्रभाव डाल रहा है, इसीलिए किसानों के हक में वादे करना और उन्हें पूरा करना भी पार्टियों के लिए जरूरी है। किसानों ने अपने घोषणा पत्र को इकरारनामा नाम दिया है। 

आप का भी घोषत्रा पत्र नहीं, सिर्फ 10 सूत्री एजेंडा बताया
इसी तरह आम आदमी पार्टी ने भी अभी तक कोई घोषणा पत्र जारी नहीं किया गया। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ मंच से पंजाब के विकास एजेंडा बताया था। इसमें 10 एजेंडे गिनाए थे। इनमें रोजगार, नशा से मुक्ति, कानून व्यवस्था कायम करना, भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली की बेहतर व्यवस्था देना, महिलाओं को 1 हजार रुपए महीना आर्थिक मदद, कृषि और व्यापार इंस्डट्री में अच्छी व्यवस्थाएं देने की बात कही है।

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