सार
पंजाब यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष हरबंस सिंह ने कहा कि राज्य में एक तरह से यह आम-सी बात हो गई कि बैंक का कर्ज लो और वापस ना करो। खासतौर पर कुछ किसानों में यह बात ज्यादा है। इसके पीछे कई वजह है। बड़ी वजह तो यह है कि किसान खेती में लगातार नुकसान हो रहा है।
खडूर साहिब। पंजाब के तरनतारन जिले के खडूर साहिब से कांग्रेस उम्मीदवार के सपनों को तगड़ा झटका लग सकता है। बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर निवेदन किया कि कांग्रेस के खडूर साहिब उम्मीदवार रमनजीत सिक्की को नामांकन से रोका जाए। बैंक ने इस संबंध में एक पत्र चुनाव आयोग को दिया है। इसमें बताया कि रमनजीत सिंह ने उनके बैंक से केसीसी लिमिट बनवाई थी। 6,35,28,476.35/ रुपए की इस लिमिट में 30-09-2020 तक कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है।
इसके बाद बैंक ने 17.12.2020 से इनके अकाउंट को एनपीए घोषित कर दिया है। बैंक की ओर से इनके यहां लगातार विजिट किया गया। बार-बार प्रार्थना की कि बैंक के कर्ज को वापस कर दिया जाए। लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है। हमें अभी पता चला है कि कांग्रेस ने उन्हें खडूर साहिब से उम्मीदवार बनाया है। इसलिए आपसे निवेदन है कि उनका नामांकन रोका जाए। बैंक का मानना है कि यदि उनका नॉमिनेशन रोक दिया जाता है तो उनके कर्ज की वसूली हो सकती है। इसी सोच के चलते बैंक की ओर से पत्र लिखा गया है।
बैंक का कर्ज लेकर वापस ना करना आम बात हो गई
पंजाब यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष हरबंस सिंह ने कहा कि राज्य में एक तरह से यह आम-सी बात हो गई कि बैंक का कर्ज लो और वापस ना करो। खासतौर पर कुछ किसानों में यह बात ज्यादा है। इसके पीछे कई वजह है। बड़ी वजह तो यह है कि किसान खेती में लगातार नुकसान हो रहा है। इस वजह से उसके पास इतने पैसे ही नहीं होते ही वह कर्ज वापस कर सके। दूसरी वजह यह है कि कई किसान बैंक से कर्ज तो लेते हैं केसीसी के नाम पर, इस पैसे को खर्च दूसरी मद में देते हैं। इससे होता यह है कि कर्ज तो बढ़ जाता है, लेकिन आमदनी नहीं बढ़ती होना तो यह चाहिए कि इस तरह का पैसा किसान खेती में लगाए। जिससे वह आढ़ती के ब्याज से बच सके।
नॉमिनेशन से रोका जाएगा तो जाएगा संदेश
लेकिन ऐसा होता नहीं है। इस वजह से पंजाब में किसान समय पर बैंक का कर्ज नहीं चुका पाते। लेकिन, जहां तक चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार की बात है, इनके मामले में ऐसा नहीं है। इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है। यह चुनाव में भी खर्च करेंगे। फिर बैंक का कर्ज क्यों वापस नहीं किया जा रहा है। यह गलत है। हरबंस ने कहा कि निश्चित ही इनका नोमिनेशन रोका जाना चाहिए। इससे लोगों में यह संदेश भी जाएगा कि कर्ज न चुकाने पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।
लोगों को लगता है कर्ज माफ हो जाएगा
अभी तो तो लोग यही समझ रहे कि जब नेता ने कर्ज नहीं दिया तो वह भी क्यों दें। पंजाब में समय समय पर कर्ज माफी की बात भी उठती रहती है। लोगों को लगता है कि उनका कर्ज भी माफ हो जाएगा। इस सोच के चलते भी किसान बैंक का कर्ज वापस नहीं करते हैं। कृषि में एमएससी कर रहे रोहित चौहान ने बताया कि इसके लिए नेता ही माहौल तैयार करते रहते हैं। हर चुनाव में कर्ज माफी बड़ा मामला बन जाता है। इस बार भी पंजाब में कर्ज माफी का मुद्दा उठ रहा है। लेकिन यह गलत है। इसे रोका जाना चाहिए। क्योंकि इससे आखिर में नुकसान तो किसान का ही होता है।
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