सार
स्टार प्रचारकों की लिस्ट में बड़े चेहरों के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का भी नाम शामिल है लेकिन पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नाम को शामिल नहीं किया गया है। जिसके बाद कई सवाल उठने लगे हैं।
देहरादून : क्या कांग्रेस की गले की फांस बन गए हैं नवजोत सिंह सिद्धू? क्या पार्टी की मेन स्ट्रीम से सिद्धू को साइड लाइन करने की तैयारी चल रही है? ऐसे न जाने कितने सवाल सियासी गलियारों में तब से उथल-पुथल मचा रहे हैं जब से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की गई है। दरअसल कांग्रेस (Congress) ने अपने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) का भी नाम शामिल है लेकिन पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के नाम को शामिल नहीं किया गया है। जिसके बाद कई सवाल उठने लगे हैं।
स्टार प्रचारकों में इन नेताओं का नाम
उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के लिए पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh), पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi), कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नामों को ऐलान किया है। इनके अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel), हरीश रावत (Harish Rawat) और गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) जैसे नेताओं को भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में रखा गया है।
ये नेता भी करेंगे प्रचार
इन बड़े चेहरों के अलावा रणदीप सिंह सुरेवाला, जितेंद्र सिंह, सचिन पायलट, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉ. अमी याज्ञनिकी, देवेंद्र यादव, यशपाल आर्य, हंस रावत, प्रदीप टमटा, गणेश गोदियाली, डॉ. हरक सिंह रावत, प्रीतम सिंह, इमरान प्रतापगढ़ी, आचार्य प्रमोद कृष्णम, हार्दिक पटेल, जय सिंह अग्रवाल, मुकुल वासनिक, रागिनी नायक, अविनाश पांडे, नेट्टा डिसूजा, मोहन प्रकाश और श्रीनिवास बीवी को कांग्रेस ने अपना स्टार प्रचारक बनाया है।
गर्दिश में हैं सिद्धू के सितारे
अपने मुखर बयानों और कड़े तेवरों की वजह से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की राजनीति में हमेशा ही चर्चा में रहे हैं। कांग्रेस में वह जो बोल देते थे, वही फाइनल हो जाता था। लेकिन जनवरी के बाद उनके सितारे गर्दिश में आते नजर आ रहे हैं। उनकी कोशिश थी कि पार्टी सीएम उम्मीदवार उन्हें घोषित करे। लेकिन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के काम की वजह से पार्टी यह जोखिम लेने से बचती रही।
सिद्धू के चैलेंज से चन्नी की हो गई चांदी
मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स केस का मामला दर्ज होते ही सिद्धू ने इसे नशे के खिलाफ एक अभियान करार दिया। दिक्कत तब आनी शुरू हुई, जब मजीठिया सुप्रीम कोर्ट से जमानत ले जाए। मजीठिया ने इस बार सिद्धू के खिलाफ अमृतसर ईस्ट से नामांकन कर दिया। तब सिद्धू ने चैलेंज किया कि मजीठिया दो सीट पर क्यों लड़ रहे? यदि दम है तो मेरे खिलाफ अमृतसर ईस्ट से ही लड़ें, ना कि मजीठा से भी। इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए मजीठिया ने मजीठा विधानसभा सीट छोड़ दी। मजीठिया ने जोरदार हमला सिद्धू पर बोल दिया है। इस वजह से सिद्धू अमृतसर में फंस गए हैं। जानकारों का कहना है कि उन्हें निकलने का रास्ता नजर नहीं आ रहा है। रही सही कसर कांग्रेस ने पूरी कर दी। चन्नी को दो जगह से टिकट दे दिया। एक चमकौर साहिब से, दूसरा भदौड़ से। इस तरह से पंजाब में यह संदेश गया कि कांग्रेस चन्नी को सीएम फेस बना रही है।
ऐसे फंसे गुरु, सारे दावे फेल हो गए
इस सब से सिद्धू खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। हालांकि चुनाव से पहले वह बार बार अपना पद छोड़ने की धमकी देते रहे हैं। एक बार उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष पद से भी रिजाइन कर दिया था। जिसे पार्टी ने अस्वीकार कर दिया। लेकिन इसके बाद सिद्धू की घेराबंदी कुछ इस तरह से हुई कि अब वह चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
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