सार
कंगना रनौत मायानगरी में नेपोटिज्म को लेकर वे कई बार इंडस्ट्री को घेर चुकी हैं। कंगना ने एक बार दिग्गज कलाकारों के बच्चों को बॉलीवुड में फेवर दिए जाने पर निशाना साधा है।
एंटरटेनमेंट डेस्क। कंगना रनौत ( Kangana Ranaut )बॉलीवुड में काम करते हुए इंडस्ट्री के दिग्गजों की मुखालफत भी करती रहती हैं। कंगना अपने दम पर फिल्में हिट करा सकती हैं। उनकी लीडिंग कैरेक्टर वाली फिल्मों ने 100 करोड़ तक का बिजनेस किया है। कंगना को उनकी शानदार एक्टिंग के लिए चार मर्तबा नेशनल अवॉर्ड दिया जा चुका है।
कंगना बड़े-बड़े बैनर से पंगा ले चुकी हैं, और तो और वो मौजूदा शिवसेना सरकार से भी दो-दो हाथ कर चुकी हैं। बीएमसी ने कंगना के ऑफिस पर बुल्डोजर चलाया तो उन्होंने मुखर होकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। वहीं मायानगरी में नेपोटिज्म को लेकर वे कई बार इंडस्ट्री को घेर चुकी हैं। कंगना ने एक बार दिग्गज कलाकारों के बच्चों को बॉलीवुड में फेवर दिए जाने पर निशाना साधा है।
स्टार बच्चों की नहीं है डिमांड
कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में स्टार किड्स को लेकर निशाना साधा है। कंगना ने हिंदी फिल्मकारों के रवैए पर कहा कि बॉक्स ऑफिस पर इस समय तेलुगु- कन्नड़ फिल्मों का बोलबाला है। इन फिल्मों ने बॉलीवुड की मूवी को बहुत पीछे छोड़ दिया है। आरआरआर और केजीएफ चैप्टर 2 ( RRR and KGF Chapter 2) दोनों फिल्में 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई हैं। पुष्पा द राइज ने भी हिंदी भाषी राज्यों में 100 करोड़ का बिजनेस किया है। कंगना ने इसके पीछे तर्क दिया है कि फैंस स्टार बच्चों को लाइक नहीं करते हैं, उन्हें बिना किसी स्ट्रगल के फिल्म मिल जाती हैं, बाद में ये सभी बच्चे फ्लॉप हो जाते हैं।
पब्लिक की च्वाइस को पहचानते नहीं स्टार किड्स
कंगना ने कहा कि बॉलीवुड की अपेक्षा दक्षिण राज्यों की फिल्म इंडस्ट्री ज्यादा सफल हैं। कंगना ने कहा कि साउथ के कलाकार कैरेक्टर की तरह ही दिखतेहैं, वैसा ही आचरण करते हैं। लेकिन हिंदी फिल्मों के कलाकारों के बच्चे पढ़ने विदेश जाते हैं, पूरी बात इंगलिश में करते हैं, वे सिर्फ हॉलीवुड की ही फिल्में देखते हैं, वैसा ही रहन-सहन होता है, ऐसे में ये कलाकार जनता से नहीं जुड़ पाते हैं। ये लोग कांटे-छुरी से खाना खाते हैं और अलग तरह से बात करते हैं, तो वो कैसे जनता से जुड़ेंगे।'
स्टार किड्स दिखते हैं उबले अंडे
कंगना ने स्टार किड्स पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि ये बच्चे देखने में उबले हुए अंडे जैसे दिखते हैं। उनका पूरा चेहरा- मोहरा बदला हुआ होता है। विदेशी संस्कृति में पले-बढ़े बच्चे इंडियन पब्लिक से कनेक्ट नहीं कर पाते।' कंगना ने इसे बैलेंस करते हुए कहा कि इसका मतलब किसी को कमतर आंकना नहीं है, ट्रोल करना तो बिल्कुल भी नहीं है।' कंगना ने अल्लू अर्जुन को लेकर कहा कि 'देखो पुष्पा से मजदूर जुड़ पा रहे हैं। आज हमारी इंडस्ट्री कौन सा हीरो मजदूर की तरह नजर आ सकता है। ये लोग वैसा नहीं कर सकते।'
ये भी पढ़ें-