Son of Sardaar 2 Review In Hindi. 'सन ऑफ सरदार 2' में जस्सी (अजय) तलाकशुदा और उदास होता है। इसके बाद उसकी कहानी में तब ट्विस्ट आता है, जब राबिया (मृणाल) उसकी लाइफ में आती है। ऐसे में आइए जानते हैं यह फिल्म कैसी है।

एंटरटेनमेंट डेस्क. Son of Sardaar 2 Review. अजय देवगन की मच अवेटेड फिल्म 'सन ऑफ सरदार 2' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। जब से इस फिल्म का टीजर आया था, तब से फैंस इसकी रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इस फिल्म के जरिए अजय देवगन ने जसविंदर सिंह रंधावा यानी जस्सी के किरदार के साथ पूरे जोश से कमबैक किया है। ऐसे में फिल्म देखने से पहले इसका रिव्यू पढ़ते हैं।

क्या है 'सन ऑफ सरदार 2' की कहानी ?

फिल्म 'सन ऑफ सरदार 2' की कहानी जस्सी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी पत्नी डिंपल से तलाक के बाद लंदन की गलियों में अकेलापन और उदासी लिए भटकता रहता है। डिंपल की ओर से तलाक की पहल जस्सी के दिल को तोड़ देती है, लेकिन किस्मत उसे एक नया मोड़ देती है, जब उसकी मुलाकात राबिया से होती है। राबिया एक टैलेंटेड पाकिस्तानी बिजनेसवुमन होती है, जो शादियों में डांस परफॉर्मेंस की एक टीम चलाती है। फिर जस्सी और राबिया के बीच दोस्ती की एक खूबसूरत शुरुआत होती है, जो धीरे-धीरे एक मजेदार, इमोशनल और दिल को छू लेने वाले सफर में बदल जाती है। वहीं कहानी का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू दानिश और उसकी बेटी सबा के इर्द-गिर्द घूमता है, जिनकी जिंदगी में एक बड़ा मोड़ आता है। दरअसल सबा को गोग्गी से प्यार हो जाता है, जो एक बेहद पारंपरिक भारतीय परिवार से ताल्लुक रखता है। वहीं गोग्गी के पिता, राजा संधू, अपने बेटे के लिए ऐसी बहू चाहते हैं, जो पूरी तरह से भारतीय रीति-रिवाजों और परंपराओं को अपनाए। सबा और उसकी टीम के पाकिस्तानी होने की वजह से यह रिश्ता स्वीकार करवाना आसान नहीं होता। इसी चुनौती को पार करने के लिए जस्सी को सबा का नकली पिता बनकर इस पारंपरिक परिवार का भरोसा जीतना पड़ता है, जिससे कहानी में कई मजेदार ट्विस्ट आते हैं। वहीं आगे यह शादी हो पाती है या नहीं, यह सब जानने के लिए आपको अपने नजदीकी सिनेमाघरों में इस फिल्म को देखना होगा।

कैसी है 'सन ऑफ सरदार 2' के स्टारकास्ट की एक्टिंग

अजय देवगन ने जस्सी के किरदार को मजेदार तरीके से निभाया है। उनकी कॉमिक टाइमिंग और इमोशनल सीन्स फिल्म में जान डाल देते हैं। वहीं मृणाल ठाकुर ने राबिया के किरदार को बखूबी निभाया है, जो दर्शकों को प्रभावित करती है। फिल्म में रवि किशन, राजा संधू के रोल में नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपनी जबरदस्त एनर्जी और कॉमेडी से हर सीन को खास बना दिया है। इसी के साथ ही दीपक डोबरियाल ने गुल नाम के ट्रांसजेंडर रोल को बहुत गहराई और ह्यूमर के साथ निभाया है, जो फिल्म के सामाजिक संदेश को मजबूत करता है। वहीं फिल्म में संजय मिश्रा, नीरू बाजवा, कुब्रा सैत, विंदू दारा सिंह, अश्विनी कलसेकर और चंकी पांडे ने अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है। ये सिर्फ एक कॉमेडी फिल्म नहीं है, बल्कि एक ऐसी कहानी है, जिसमें दिल की गहराई और सच्चे जज्बात भी हैं, जो इसे खास बनाते है। ऐसे में हम इस फिल्म को 5 में से चार स्टार देते हैं।