सार

अभिनेता अरशद वारसी ने फिल्म 'कल्कि 2898 एडी' में प्रभास के अभिनय को 'जोकर' कहने के बाद अपने बयान पर सफाई दी है। आईफा अवार्ड्स में उन्होंने कहा कि वह प्रभास के अभिनय से दुखी थे, लेकिन उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था।

अबू धाबी: फिल्म 'कल्कि 2898 एडी' में प्रभास के अभिनय को 'जोकर' कहने वाले अभिनेता अरशद वारसी के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए। कल्कि के निर्देशक नाग अश्विन खुद अरशद के खिलाफ मैदान में उतरे। वहीं, अरशद का कहना है कि वह अपने पहले के रुख पर कायम हैं। अबू धाबी में IIFA अवार्ड्स नाइट में अरशद मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। 

पिछले महीने "अनफ़िल्टर्ड" शो में समीर भाटिया से बात करते हुए अरशद ने विवादित टिप्पणी की थी, "मैंने कल्कि देखी, मुझे पसंद नहीं आई। इसने मुझे दुखी किया। अमित जी अविश्वसनीय थे। मुझे वह आदमी समझ नहीं आता। अगर हमें उनकी क्षमता का एक छोटा सा अंश भी मिल जाए तो हमारी जिंदगी बदल जाए। वह एक लीजेंड हैं” अरशद वारसी ने प्रभास के भैरव के किरदार की जमकर आलोचना की। 

“मुझे प्रभास के लिए सचमुच दुख हुआ, उसने ऐसा क्यों किया? वह एक जोकर की तरह लग रहा था। मैं एक मैड मैक्स देखना चाहता हूं। मैं वहां मेल गिब्सन को देखना चाहता हूं। आपने क्या बनाया है? वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? मुझे कभी समझ नहीं आया” अरशद ने कहा।

 IIFA अवॉर्ड्स नाइट में जब इस बयान को लेकर फिर सवाल उठा तो अरशद ने यह कहते हुए जवाब दिया, “हर किसी का अपना नजरिया होता है, लोग किसी की राय की व्याख्या उस तरह से करना पसंद करते हैं जैसे वे चाहते हैं। मैं उस व्यक्ति के बारे में नहीं बल्कि किरदार के बारे में बात कर रहा था। प्रभास एक बेहतरीन अभिनेता हैं, उन्होंने इसे बार-बार साबित किया है, लेकिन जब हम एक अच्छे अभिनेता को एक बुरा किरदार देते हैं, तो यह दर्शकों के लिए दिल तोड़ने वाला होता है। मेरा यही कहना था"  अरशद वारसी ने कहा। 

इसी प्रेस मीट में अरशद वारसी ने भारतीय सिनेमा के एकजुट होने पर भी बात की और कहा कि उनका मानना है कि भाषा की बाधाओं से फिल्मों के बंटने का समय अब खत्म हो गया है। 

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि एक निर्देशक के रूप में, उनकी उम्मीद है कि देश भर के प्रतिभाशाली अभिनेताओं को उनकी भाषा की परवाह किए बिना कास्ट किया जाएगा। अरशद वारसी ने आगे कहा कि अगली मुन्नाभाई फिल्म के लिए बातचीत चल रही है।