सार
एंटरटेनमेंट डेस्क. फिल्म इंडस्ट्री में कई शख्सियतें ऐसी हैं, जिन्हें सालों साल उनके काम, स्टाइल या फिर लुक के लिए याद किया जाता है। इन्हीं में एक हैं डिस्को किंग के नाम से फेमस बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri)। बप्पी लाहिड़ी की आज यानी 27 नंवबर को 72वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 1952 में जलपाईगुड़ी में हुआ था। बॉलीवुड फिल्मों के गानों में डिस्को का तड़का लगाने का श्रेय बप्पी दा को ही जाता है। उन्होंने अपने संगीत और गायिकी से सबको दीवाना बनाया था। बप्पी दा अपने गानों के साथ एक और चीज को लेकर फेमस थे और वो थी उनका गोल्ड के प्रति दीवानगी। उन्हें सोने की ज्वैलरी पहनने का बहुत शौक था, लेकिन ये शौक उनके अंदर कैसे पैदा, इसके पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है।
क्यों इतना सोना पहनते थे बप्पी लाहिड़ी
बप्पी लाहिड़ी इतना ज्यादा सोना क्यों पहनते थे, इसका खुलासा भी उन्होंने खुद ही किया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो अमेरिकी पॉप स्टार एल्विस प्रेस्ली से काफी इम्प्रेस थे। एल्विस अपने कॉन्सर्ट में सोने की चेन पहनते थे। उनको ऐसा करता देख बप्पी दा ने भी ऐसा करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे ये उनकी आदत बन गया। वे एक चेन की जगह कई सारे जेवर पहनने लगे थे। बता दें कि 2014 में बप्पी दा ने चुनाव लड़ा था। इस दौरान दिए हलफनामे में उन्होंने जानकारी दी थी कि उनके पास 754 ग्राम सोना और 4.62 ग्राम चांदी है।
पत्नी ने बप्पी लाहिड़ी को गिफ्ट किया था सोने का कप
बप्पी लाहिड़ी का गोल्ड के प्रति इतना ज्यादा लगाव था कि 2021 में धनतेरस के मौके पर उनको उनकी पत्नी ने सोने का कप गिफ्ट किया था। इसके बाद उन्होंने सोने के कप में चाय पीना शुरू कर दी थी। कहा जाता है कि बप्पी दा गोल्ड को अपने लिए लकी मानते थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था- "मुझे गोल्ड मैन कहलाने पर प्राउड फील होता है। सोना मेरे लिए लकी है। मेरे गाने हिट होना तब शुरू हुए जब मैंने सोना पहनना शुरू किया था"। बप्पी दा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में बताया था कि सभी उनकी गोल्ड मैन इमेज से खुश नहीं थे। उन्होंने बताया था कि गुजरे जमाने के एक्टर राजकुमार ने एक इवेंट में उनका मजाक ये कहते हुए उड़ाया था कि एक से एक गहने है, बस मंगलसूत्र की कमी है।
बप्पी लाहिड़ी का करियर
बप्पी लाहिड़ी जब 19 साल के थे तो मुंबई आए थे। उन्हें पहला मौका बंगाली फिल्म दादू (1974) में मिला, जहां लता मंगेशकर ने उनका गाना गाया था। पहली हिंदी फिल्म जिसके लिए उन्होंने संगीत तैयार किया था वो थी नन्हा शिकारी (1973)। उनके करियर में जबरदस्त मोड़ तब आया जब ताहिर हुसैन ने उन्हें फिल्म जख्मी (1975) में संगीत देने और गाने का मौका दिया था। उन्होंने इसी फिल्म के लिए किशोर कुमार और मोहम्मद रफी के साथ नथिंग इज इम्पॉसिबल..नाम से एक युगल गीत तैयार किया। फिल्म के गाने जलता है जिया मेरा, अभी अभी थी दुश्मनी और आओ तुम्हें चांद पर ले जाए.. से उन्हें फेमस कर दिया। बप्पी दा को डिस्को डांसर, नमक हलाल, हिम्मतवाला और शराबी जैसी फिल्मों में गाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई पुराने गानों को भी रीक्रिएट किया था। उन्होंने 1986 में 33 फिल्मों के लिए 180 से ज्यादा गाने रिकॉर्ड करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। बता दें कि बप्पी दा का 69 की उम्र में 15 फरवरी 2022 को मुंबई में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया और पोस्ट COVID-19 की वजह से निधन हो गया था।
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