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पाकिस्तान में ससुराल, माता-पिता-भाई का मर्डर, कौन थी ये बॉलीवुड की पहली लेडी कॉमेडियन
Tun Tun Birth Anniversary: बॉलीवुड की पहली लेडी कॉमेडियन टुन टुन की 102वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म अमरोहा गांव, यूपी में हुआ था। इस मौके पर आपको टुन टुन की पर्सनल लाइफ से लेकर एक्टिंग करियर से जुड़े कुछ फैक्ट्स बता रहे हैं।

1923 में जन्मी कॉमेडियन टुन टुन का असली नाम उमा देवी खतरी था। उनकी कॉमिक टाइमिंग और पर्सनैलिटी को देख उनका नाम टुनटुन पड़ा था। वे एक बेहतरीन सिंगर भी थी।
टुन टुन का बचपन बेहद गरीबी में बीता। उन्होंने फिल्म क्रिटिक्ट शिशिर कृष्ण शर्मा को दिए एक इंटरव्यू में अपनी लाइफ से जुड़े कई चौंकाने वाले राज खोले थे। उन्होंने बताया था कि था जब वे दो-ढाई साल की तभी उनके माता-पिता और भाई की हत्या कर दी गई थी।
टुन टुन ने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें याद नहीं कि उनके माता-पिता कैसे दिखते थे। उन्हें अपने 8-9 साल के भाई हरि के बारे थोड़ा बहुत याद था। वे अलीपुर में रहते थे और एक दिन उसके भाई को भी मार दिया गया था।
बताया जाता है कि जब टुन टुन 23 साल की थी तो वे घर से भागकर मुंबई आ गईं थी। यहां वे नौशाद अली से मिली। उन्होंने उन्हें अपनी गायिकी के बारे में बताया। उनका ऑडिशन हुआ और 1946 में आई नजीर की फिल्म वामिक अजरा से उन्होंने बतौर सिंगर डेब्यू किया।
टुन टुन की गायिकी इतनी पसंद आई थी कि निर्माता-निर्देशक एआर कारदार के साथ उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। उन्होंने नूरजहां, राजकुमारी, खुर्शीद बानो और जोहराबाई अंबालेवाली जैसी संगीत की दिग्गजों के बीच अपनी जगह बनाई। उनका गाना अफसाना लिख रही हूं.. आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं।
आगे चलकर नौशाद से टुन टुन को सजेस्ट किया है वे एक्टिंग में भी किस्मत आजमाए, क्योंकि उनकी कॉमिक टाइमिंग गजब की थी। वे दिलीप कुमार की दीवानी थी और नौशाद के कहने पर उन्होंने टुन टुन को अपनी फिल्म का कास्ट किया था। टुन टुन की पहली फिल्म बाबुल थी, जो 1950 में आई थी।
टुन टुन ने लवर ब्वॉय, कमला, सलमा, खेल मोहब्बत का, कुली, हादसा, पेंटर बाबू, डिस्को डांसर, हथकड़ी, नमक हलाल, कुर्बानी, लोक परलोक, अमानत, चााच भतीजा, नागिन सहित करीब 200 फिल्मों में काम किया।
टुन टुन की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनकी मुलाकात एक्साइज ऑफिसर अख्तर अब्बास काजी से हुई, जिन्होंने उनकी मदद की और उन्हें प्रेरित किया। दोनों ने 1947 में शादी की। पार्टिशन के वक्त वे लाहौर, पाकिस्तान चले गए। हालांकि, परिस्थितियों से तंग आकर टुन टुन फिल्मों में गाने के लिए वापस मुंबई आ गईं। काजी भी बाद में मुंबई आ गए और यहीं बस गए।