धर्मेंद्र का निधन हो गया है। बता दें कि वे काफी समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। सोमवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा। उनके जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर उनकी सांसद वाली पेंशन दोनों में से किस पत्नी को मिलेगी।

लंबे समय से बीमार धर्मेंद्र ने आखिरकार सोमवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। वे 89 साल के थे। आपको बता दें कि सांस लेने में हो रही परेशानी की वजह से उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां 10-12 दिन उनका इलाज चला और फिर उन्हें घर पर शिफ्ट कर दिया गया था। घर पर भी डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर नजर रखे हुए थे, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। इसी बीच अब ये सवाल उठ रहा है कि आखिर उनके जाने के बाद उनकी सांसद वाली पेंश आखिर दोनों पत्नियों में से किसे मिलेगी।

धर्मेंद्र की सांसद वाली पेंशन पर उठा सवाल

दिग्गज स्टार और पूर्व सांसद धर्मेंद्र के निधन ने फिल्म जगत और राजनीतिक हलकों को स्तब्ध कर दिया है। श्रद्धांजलि का सिलसिला जारी रहने के साथ ही उनकी सांसद पेंशन को लेकर सवाल उठ रहा है कि उनकी दोनों पत्नियों प्रकाश कौर या हेमा मालिनी, में से कौन कानूनी तौर पर इसे पाने की हकदार है? भारतीय कानून के हिसाब से और खासकर सांसदों की पेंशन से जुड़े नियमों के तहत किसी सांसद की मौत के बाद मिलने वाला लाभ केवल कानूनी रूप से वैध लाइफ पार्टनर को ही दिया जा सकता हैं। धर्मेंद्र ने पहली शादी 1954 में प्रकाश कौर से की थी, जिससे ये उनकी पहली कानूनी शादी बन गई। रिपोर्ट्स की मानें तो धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था, जिस पर दशकों तक बहस छिड़ी रही। हालांकि, लीगल एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत धर्म परिवर्तन पहली शादी को अमान्य नहीं करता। प्रकाश कौर से तलाक के बिना दूसरी शादी चाहे वो धर्म परिवर्तन करके ही क्यों न की गई हो, कानून की नजर में अमान्य मानी जाती है।

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किसे मिलेगी धर्मेंद्र की सांसद पेंशन

सांसद पेंशन नियमों और सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 के प्रावधानों के अनुसार सांसद के निधन के बाद पेंशन कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त लाइफ पार्टनर को मिलती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि धर्मेंद्र के मामले में प्रकाश कौर इसकी हकदार हैं। कानून में ये भी कहा गया है कि अगर किसी पर्सन की दो कानूनी रूप से वैध पत्नियां हैं तो पेंशन बराबर-बराबर बंट जाएगी लेकिन ये तभी लागू होता है जब दोनों विवाह वैध हों, जो यहां लागू नहीं होता। बता दें कि जब तक अदालत द्वारा मान्यता प्राप्त तलाक न हो, तब तक दूसरी शादी भले ही सामाजिक रूप से मान्य हो लेकिन पेंशन अधिकारों के लिए मान्य नहीं होती है। बता दें कि 2004 से 2009 तक वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा सांसद रहे थे।

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