जॉनी लीवर की मिमिक्री से शत्रुघ्न सिन्हा परेशान हो गए थे। वे उन्हें बड़ी सरगर्मी से खोज भी रहे थे। वहीं छोटे मंचों से शुरुआत कर जॉनी ने ऑर्केस्ट्रा, फिल्म "दर्द का रिश्ता" और मेहनत से बॉलीवुड का बड़ा नाम बनाया।
Johny Lever struggle story: बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर अपने कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाते हैं। वो कमाल की मिमिक्री ( mimicry ) के लिए जाने जाते हैं।कोमल नहटा के पॉडकास्ट में उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में एंट्री के शुरुआती दिनों में वह उस समय के सुपरस्टार की नकल किया करते थे। शत्रुघ्न सिन्हा की खास आवाज और उनके स्टाइल की कॉपी करने के लिए अक्सर उनसे कहा जाता था, वे फिल्म के सेट पर अक्सर इसे करते थे। ये बात शॉटगन तक पहुंच गई। शत्रुघ्न सिन्हा यह जानने के लिए काफी बेचैन हो गए कि आखिर ये नया लड़का कौन है, जो उनकी स्टाइल और आवाज की इतनी शानदार नकल करता है। वे खुद जॉनी से मिलने की लिए उन्हें तलाशने लगे।
एक मजेदार किस्से में जॉनी ने खुद खुलासा किया था कि उन्होंने अनिल कपूर को फोन कर शत्रुघ्न सिन्हा की आवाज में बात की थी, जिस पर कुछ देर तक अनिल कपूर भी सचमुच धोखा खा गए। इस किस्से ने दिखा दिया कि जॉनी की मिमिक्री कितनी दमदार थी।
जॉनी लीवर की इस जर्नी की शुरुआत भी आसान नहीं थी। बचपन से ही उन्हें डांस और मिमिक्री का शौक था। स्कूल और मोहल्ले में छोटे-छोटे कार्यक्रमों में वे ऐसे ही परफॉर्म करते थे, खुश होकर लोग उन्हें एक-दो रुपए तक इनाम में दे देते थे। वे इसमें ही खुश रहते थे।
हिंदुस्तान लीवर की नौकरी छोड़ने के बाद में उन्होंने एक ऑर्केस्ट्रा जॉइन किया, जहां शुरुआत में उन्हें कोई सैलरी नहीं मिलती थी। लेकिन उनके हुनर से दर्शक इतने खुश हो जाते कि वे भरपूर ईनाम दे जाते थे। 17 साल की उम्र में उन्हें आखिरकार 30 रुपए प्रति शो मिलने लगे। उस समय उसी ऑर्केस्ट्रा में सिंगर सोनू निगम के पिता अगम कुमार निगम भी गाते थे और उन्हें 50 रुपए मिला करते थे।
बाद में वह कल्याणजी-आनंदजी के ग्रुप से जुड़ गए। यहीं से उनकी कला और निखरी। धीरे-धीरे फिल्मों तक पहुंचते हुए उन्होंने "दर्द का रिश्ता" से अपना एक्टिंग करियर शुरू किया। शाहरुख खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी की मूवी बाजीगर से उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में कॉमिक एक्टर के तौर पर पहचान बनी ।
