सार
शबाना आज़मी ने हाल ही में एक नए इंटरव्यू में सीएनएन को बताया कि “जानकी कुटीर" एक ऐसी जगह थी जहां हर तरह के स्ट्रगलर हमेशा आते रहते थे, और चाहे अब्बा हों या मम्मी, वे हमेशा उन्हें एनकरेज करते थे ।
एंटरटेनमेंट डेस्क । बॉलीवुड की सीनियर एक्ट्रेस शबाना आजमी ने मिथुन चक्रवर्ती को लेकर बड़ा खुलासा किया है। शबाना ने बताया कि डिस्को डांसर एक्टर अपनी डार्क स्किन, उभरे हुए दांतों को लेकर परेशान रहते थे, इसी वजह से वह मुंह बंद करके मुस्कुराया करते थे। शबाना ने कहा कि उनके माता-पिता अक्सर मुंबई में स्ट्रगल करने वालों के आर्टिस्ट की मदद करते थे, उनकी मां शौकत कैफी ने मिथुन के संकोच को दूर करने में मदद की थी।
मिथुन चक्रवर्ती ने पहली ही फिल्म में जीता था राष्ट्रीय पुरस्कार
मिथुन चक्रवर्ती ने 1976 की फिल्म मृगया से अपनी शुरुआत की, इस मूवी में एक्टर ने अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था । बाद में, उन्होंने डिस्को डांसर, गुलामी, गुरू, वारदात, बॉक्सर और अग्निपथ जैसी पॉप्युलर फिल्मों के जरिए दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाई । साल 2000 के दशक की शुरुआत में, मिथुन ने हीरो के भूमिकाएं छोड़कर कैरेक्टर रोल निभाने शुरु किए थे।उन्हें हाल ही में विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स में देखा गया था।
शबाना आज़मी ने बताई जानकी कुटीर की खासियत
"शबाना आज़मी ने हाल ही में एक नए इंटरव्यू में सीएनएन को बताया कि “जानकी कुटीर एक ऐसी जगह थी जहां हर तरह के स्ट्रगलर हमेशा आते रहते थे, और चाहे अब्बा हों या मम्मी, वे हमेशा उन्हें एनकरेज करते थे । शबाना ने बताया कि कर्ई स्ट्रगलर के पास रहने के लिए कोई जगह नहीं होती थी, इस दौरान बहुत सारे आर्टिस्ट (ज़रीना वहाब और कंवलजीत सिंह) हमारे साथ आकर रहते थे।
उन्होंने आगे कहा, "मिथुन चक्रवर्ती इस बात को लेकर बहुत टेंशन में रहते थे कि उनके दांत निकले हुए हैं, इसलिए वह जब भी मुस्कुराते थे तो मुंह बंद रखते थे । वह इस बात से भी परेशान रहते थे कि उनकी स्किन का रंग सांवला है । इस फैक्ट के बावजूद कि उसने हमारी कंपनी को ज्वाइन किया था, इस दौरान उनमें से इनसिक्योरिटी की फीलिंग चली गई थी। मेरी मां अक्सर उनकी नेगेटिविटी से निकलने में उनकी काउंसलिंग करती थी।
मिथुन चक्रवर्ती ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने शुरुआती दिनों में मुश्किल हालातों का सामना किया था। सिंगिंग रियलिटी शो सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स में अपनी मौजूदगी के दौरान मिथुन ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि कोई उनके ऊपर बायोपिक बनाए।
मिथुन नहीं चाहते उनकी बायोपिक बने
“मैं कभी नहीं चाहता कि कोई भी उस चीज़ से गुज़रे जिससे मैं मेरा जीवन गुजरा हूं। हर किसी ने स्ट्रगल देखा है और मुश्किल हालातों का सामना किया है, लेकिन मुझे हमेशा मेरी स्किन टोन की वजह से नीचा दिखाते थे। मेरी स्किन की वजह से मुझे बहुत वर्षों तक अपमानित किया गया है। मैंने ऐसे दिन देखे हैं जब मुझे खाली पेट सोना पड़ता था, मैं उस दौरान बहुत रोता था। यही एकमात्र वजह है कि मैं नहीं चाहता कि मेरी बायोपिक कभी बने ! मेरी कहानी कभी किसी को इंस्पायर नहीं करेगी, यह उन्हें अंदर से तोड़ सकती है।