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Mohd Rafi Death Anniversary: 11 भाषा- 26000 गाने, जानें गायिकी के बादशाह के आखिरी दिन की कहानी
Mohd Rafi Death Anniversary: फिल्म इंडस्ट्री के जानेमाने सिंगर मोहम्मद रफी को गुजरे 45 साल हो गए हैं। उनका निधन 1980 में हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। उन्होंने अपने करियर में कई बेहतरीन गानों को आवाज, जिन्हें आज भी पसंद किया जाता है।

पंजाबी जाट मुस्लिम फैमिली से थे मो.रफी
सिंगर मोहम्मद रफी पंजाबी जाट मुस्लिम से थे। वे 6 भाईयों में दूसरे नंबर के थे। उनका परिवार मूल रूप से कोटला सुल्तान सिंह, अमृतसर के गांव से था। उन्हें घरवाले प्यार से फीको बुलाते थे। गलियों में घूमने वाले एक फकीर के गानों की नकल करके उन्होंने भी गाना शुरू किया था।
मो.रफी ने पहली बार पंजाबी फिल्म में गाया था गाना
मोहम्मद रफी जब छोटे तो उनका परिवार लाहौर शिफ्ट हो गया था। धीरे-धीरे गायिकी की तरफ उनकी रुचि बढ़ी और उन्होंने पंडित जीवन लाल मट्टू, फिरोज निजामी और उस्ताद अब्दुल वाहिद खान से क्लासिकल सिंगिंग सीखी। 1941 में उन्होंने डायरेक्टर श्याम सुंदर की पंजाबी फिल्म गुल बलोच के लिए जीनत बेगम के साथ गाना गाया था। इसके बाद उनकी किस्मत चमकी और उन्हें ऑल इंडिया रेडियो लाहौर स्टेशन में गाने के लिए आमंत्रित किया गया। मो.रफी की गायिकी का सफर शुरू हो गया था और फिर उन्हें हिंदी फिल्मों में गाने का मौका मिला। नौशाद के साथ रफी साहब ने पहला गाना फिल्म पहले आप (1944) के लिए गाया था। इसी दौरान उन्होंने फिल्म गांव की गोरी के लिए एक गाना रिकॉर्ड किया और इसी गाने को वो अपना पहला हिंदी भाषा गाना मानते थे।
मो.रफी ने गाए थे 26000 गाने
खबरों की मानें तो मो.रफी ने अपने करियर में करीब 26 हजार गाने गाए थे। ये गाने उन्होंने तकरीबन 11 अलग-अलग भाषाओं जैसे कोंकणी, असमिया, भोजपुरी, ओडिया, बंगाली, मराठी, सिंधी, कन्नड़, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मगही, मैथिली, में गाए थे। इसके अलावा उन्होंने कुछ विदेशी भाषा जैसे अंग्रेजी, फारसी, अरबी, सिंहल, मॉरीशस क्रियोल और डच में भी गाने गाए।
मो.रफी ने इन स्टार्स के लिए गाए थे गाने
मो.रफी ने भारत भूषण, देव आनंद, शम्मी कपूर, राजेंद्र कुमार, शशि कपूर, मनोज कुमार, धर्मेंद्र, ऋषि कपूर, संजय खान, गुरुदत्त, दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, जॉनी वॉकर, जॉय मुखर्जी सहित अन्य बॉलीवुड स्टार्स के लिए गाने गाए। बात उनकी फिल्मों की करें तो उन्होंने आवारा, बूट पॉलिश, बसंत बहार, प्रोफेसर, जंगली, असली-नकली आंखे, राजकुमार, सूरज, संगम, ब्रह्मचारी, एन इवनिंग इन पेरिस, दिल तेरा दीवाना, काजल, दो बदन, प्रिंस, लव इन टोक्यो, एक फूल दो मावली, दिल एक मंदिर, दिल अपना और प्रीत पराई, जब प्यार किसी से होता है सहित कईयों में गाने गाए।
मो.रफी के आखिरी दिन की कहानी
31 जुलाई 1980 वो दिन था जब मोहम्मद रफी ने दुनिया को अलविदा कहा था। 55 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई थी। वो इतने फेमस, सरल स्वभाव और मिलनसार थे कि उनके निधन की खबर आते ही पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री हिल गई थी। कहा जाता है कि जो जिस हाल में था, वैसे ही भागते हुए उनके घर पहुंचा था। उनका निधन रमजान के पाक महीने में हुआ था। बताया जाता है कि उनकी अंतिम यात्रा में भारी बारिश में भी करीब 10 हजार लोग शामिल हुए थे। खबरों की मानें तो निधन से कुछ घंटे पहले उन्होंने धर्मेंद्र -हेमा मालिनी की फिल्म आस-पास के लिए एक गाना रिकॉर्ड किया था, जो उनका आखिरी गाना बना।