सार
फिल्मों में खूंखार विलेन रहे प्रेम चोपड़ा 89 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 1935 लाहौर,पाकिस्तान में हुआ था। बता दें कि प्रेम चोपड़ा फिल्मों में हीरो बनने आए थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें विलेन बना दिया। वे रिश्ते में राज कपूर के साढ़ू भाई लगते हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क. गुजरे जमाने के खूंखार विलेन प्रेम चोपड़ा (Prem Chopra) 89 साल के हो गए हैं। लाहौर, पाकिस्तान में जन्मे प्रेम चोपड़ा को एक्टिंग का शौक था और अपने इसी सपने को पूरा करने वे मुंबई आ गए थे। बर्थडे पर प्रेम चोपड़ा से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जो शायद कम ही लोगों को पता है। बता दें कि विभाजन के बाद प्रेम चोपड़ा का परिवार शिमला आ गया। यहां उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई की और फिर पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई के दौरान वे अपने एक्टिंग के शौक को पूरा करने नाटकों में कभी-कभार काम किया करते थे। वैसे, तो उनके पिता उन्हें डॉक्टर या फिर आईएएस ऑफिसर बनाना चाहते थे, लेकिन वे पिता के खिलाफ जाकर मुंबई आ गए ताकि फिल्मों में किस्मत आजमा सके।
हीरो बनना चाहते थे प्रेम चोपड़ा
हीरो बनने मुंबई आए प्रेम चोपड़ा शुरुआती दिनों में कोलाबा के एक गेस्ट हाउस से रहा करते थे। इस दौरान वे फिल्म में काम मांगने के लिए स्टूडियो के चक्कर लगाते थे। हालांकि, उन्हें लंबे समय तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। काफी संघर्ष करने के बाद भी जब उन्हें फिल्मों में काम नहीं मिला तो उन्होंने अपना खर्च चलाने के लिए अखबार के दफ्तर में नौकरी कर ली। वे न्यूज पेपर के ऑफिस में सर्कुलेशन डिपार्टमेंट का काम देखते थे और महीने में करीब 20 टूर पर रहते थे और बाकी दिन फिल्म स्टूडियो के चक्कर लगाते थे।
ट्रेन में सफर करते वक्त ऑफर हुआ था पहला रोल
एक दिन ट्रेन में सफर करने के दौरान प्रेम चोपड़ा की एक अजनबी से मुलाकात हुई। उसने पूछा कि क्या वह फिल्मों में काम करने में रुचि रखते हैं। चोपड़ा ने सहमति में सिर हिलाया और उस अजनबी के साथ वे रंजीत स्टूडियो गए, जहां चौधरी करनैल सिंह के निर्माता एक हीरो की तलाश में थे। पंजाबी फिल्म प्रोड्यूसर जगजीत सेठी ने चोपड़ा को पंजाबी फिल्म चौधरी करनैल सिंह में ब्रेक दिया। उनकी पहली फिल्म भारत-पाक विभाजन के बैकड्रॉफ पर बेस्ड हिंदू-मुस्लिम रोमांटिक लव स्टोरी थी। फिल्म ने पंजाबी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। इस फिल्म में काम करने प्रेम चोपड़ा को 2500 रुपए फीस मिली थी। इसके बाद उन्हें कुछ और पंजाबी फिल्मों में काम करने का मौका मिला। वहीं, उन्हें हिंदी फिल्में वो कौन थी, शहीद, तीसरा मंजिल जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल मिले। मनोज कुमार की फिल्म उपकार में प्रेम चोपड़ा निगेटिव रोल में नजर आए। इसके बाद उन्हें विलेन के रोल ऑफर होने लगे।
बॉबी फिल्म के एक डायलॉग ने प्रेम चोपड़ा को बनाया फेमस
फिल्मों के लगातार ऑफर्स मिलने के बाद प्रेम चोपड़ा ने अखबार की नौकरी छोड़ दी। उन्होंने कटी पतंग, दो रास्ते, अंजाना, दो अनजाने, वारिस डोली, प्रेम पुजारी, पगला कहीं का, हिम्मत, हरे रामा हरे कृष्णा, हलचल, दास्तान जैसे फिल्मों में निगेटिव रोल प्ले किया। 1973 में आई राज कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म बॉबी में प्रेम चोपड़ा का छोटा सा किरदार था। इस फिल्म में उनका एक डायलॉग प्रेम नाम है मेरा प्रेम चोपड़ा.. खूब पॉपुलर हुआ और इससे वे फेमस हो गए। इसके बाद बॉलीवुड में उनकी गिनती खूंखार विलेन में होने लगी। उस जमाने में वे अमरीश पुरी, अमजद खान, शक्ति कपूर, कादर खान को टक्कर देने लगे थे।
प्रेम चोपड़ा को रियल लाइफ विलेन समझने लगे थे लोग
प्रेम चोपड़ा विलेन का रोल करते-करते इतने पॉपुलर हो गए थे कि लोग उन्हें रियल लाइफ में विलेन समझने लगे थे। एक इंटरव्यू में प्रेम चोपड़ा ने बताया था कि उनकी फिल्में देखकर और उनके निगेटिव किरदार की वजह से लोग असल जिंदगी में उनसे डरने लगे थे। कई बार तो ऐसा होता था कि लोग उन्हें देखकर अपनी पत्नियों को छुपा लेते थे। हालांकि, जब वे उनसे बात करते थे तो महसूस होता था कि वे भी उन्हीं की तरह है।
380 फिल्मों में किया प्रेम चोपड़ा ने काम
प्रेम चोपड़ा ने अपने 60 साल के फिल्मी करियर में तकरीबन 380 फिल्मों में काम किया। उन्होंने कटी पतंग, दो रास्ते, दाग, छुपा रुस्तम, फंदेबाज, त्याग, नफरत, गहरी चाल, दास्तान, गोरा और काला, अपराध, दाग, बेनाम, प्रेम नगर, वचन, काला सोना, मेहबूबा, पापी, देश परदेस, त्रिशूल, काला पत्थर, नसीब, क्रांति, देश प्रेमी, बेताब, सौतन, खिलाड़ी, प्रेम रोग, राजा बाबू, बंटी और बबली 2, एनिमल सहित कई फिल्मों में काम किया। वे इसी साल आई वेब सीरीज शोटाइम में भी नजर आए।
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