रणबीर कपूर ने सुभाष घई के इवेंट व्हिसलिंग वुड्स में कहा कि नेपोटिज्म के बावजूद फिल्म इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए उन्हें अपना पर्सनल विजन बनाना पड़ा। उन्होंने ये भी माना कि सफलता जितनी जरूरी है, असफलता से सीखना भी उतना ही अहम है।
Ranbir Kapoor On nepotism: बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों में कपूर फैमिली की गिनती होती है। इसके फोर्थ जनरेशन के सदस्य रणबीर ने कहा कि इंडस्ट्री में बने रहने के लिए उन्हें एक पर्सनल विजन अपनाना पड़ा और अपनी टेलेंट को अलग से साबित करना पड़ा।
“मैं नेपोटिज्म का शिकार हूंऔर मुझे ज़िंदगी में यह बहुत आसानी से मिल गया, लेकिन मुझे हमेशा कड़ी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि मैं ऐसे परिवार से आता हूं और अगर मेरा विजन पर्सनल नहीं है और अगर मैं अपना नाम नहीं बना पाया, तो मैं फिल्म इंडस्ट्री में सफल नहीं हो पाऊंगा।” एनिमल एक्टर ने कहा कि, “आप लोग मेरी फैमिली की सक्सेस का जश्न मनाते हैं, लेकिन कई असफलताएं भी हैं, और जितना आप सफलता से सीखते हैं, उतना ही असफलता से भी सीखते हैं।”
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फिल्म मेकर सुभाष घई के फिल्म संस्थान व्हिसलिंग वुड्स में 'सेलिब्रेट सिनेमा 2025' फेस्टीवल के दौरान 'ग्रेट शो मैन राज कपूर और गुरु दत्त को श्रद्धांजलि' नामक एक सेशन को लीजेंड एक्टर ऋषि कपूर और नीतू कपूर के बेटे रणबीर ने संबोधित किया।
एक्टर ने कहा, "इस फैमिली में पैदा होने पर मुझे कैसा लगता है? मेरे लिए यह किसी भी अन्य जनरल फैमिली जैसा ही था, मुझे इससे बेहतर कुछ नहीं पता था।" उन्होंने आगे कहा कि वह अपने दादा राज कपूर की फिल्मों के लिए म्यूजिक डायरेक्टर, सिंगर और गीतकारों को अपने घर आते और गीत लिखते हुए देखते हुए बड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, "काफी बहसें होती थीं, लेकिन ये सब प्रोफेशनल थे। वे किसी सीन या गाने के सही बोल पर बहस करते थे।"
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रणबीर कपूर का वर्क फ्रंट
"वेक अप सिड", "रॉकस्टार", "बर्फी", "ये जवानी है दीवानी" और "एनिमल" जैसी फिल्मों के लिए मशहूर रणबीर ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत पहले ही सीख लिया था कि फिल्म निर्माण एक सामूहिक प्रयास है।
