सार

2017 में गोरखपुर अस्पताल त्रासदी में डॉ. कफील खान को अरेस्ट किया गया था। अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की वजह से 50 से ज्यादा बच्चों की जान चली जाती है। वहीं फिल्म में इसके लिए डॉक्टर को नहीं बल्कि सरकार में फैले भ्रष्टाचार को दोषी बताया गया है।

एंटरटेनमेंट डेस्क । शाहरुख खान की जवान मूवी में सुपरहिट हो चुकी है। तीन दिनों में इस मूवी ने ग्लोबली तकरीबन 300 करोड़ रुपए की कमाई की है। फिल्म में समाज से जुड़े मुद्दे और सरकार की जड़ों तक पहुंच चुके करप्शन को दिखाया गया है। इससे ईमानदार लोग किस तरह प्रभावित होते हैं, ये भी इस फिल्म की कहानी का अहम हिस्सा है।

सच्ची घटना पर बेस्ड सीन

जवान में सान्या मल्होत्रा ने एक ऐसे डॉक्टर का किरदार निभाया है जो बच्चों की जान बचाने के लिए अपनी कमाई को दांव पर लगा देती है। दरअसल ये सीन एक सच्ची घटना को ध्यान में रखकर डेव्लप किया गया है। सीन के मुताबिक एक सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी की वजह से 63 बच्चों की मौत हो जाती है। हालांकि इस घटना के लिए ईमानदार डॉक्टर को दोषी बताते हुए उसे ही अरेस्ट कर लिया जाता है।

कफील खान ने शाहरुख खान को कहा थैंक्स

शाहरुख खान की मूवी जवान का ये सीन सच्ची घटना से इंस्पायर लगता है । साल 2017 में गोरखपुर अस्पताल त्रासदी में डॉ. कफील खान ( Dr. Kafeel Khan ) को भी अरेस्ट किया गया था । अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की वजह से 50 से ज्यादा बच्चों की जान चली जाती है। हालांकि फिल्म में इसके लिए डॉक्टर को नहीं बल्कि सरकार में फैले भ्रष्टाचार को दोषी बताया गया है। फिल्म रिलीज के बाद कफील खान ने सुपरस्टार शाहरुख खान को थैंक्स कहा है।

डॉ. कफील खान ने शनिवार को एक्स (ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट किया और जवान मेकर को उनके जैसी घटना को पिक्चराइज करने के लिए थैंक्स, उन्होंने यह भी क्लियर किया कि उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है, लेकिन रिलीज के बाद से उन्हें इसके बारे में मैसेज और शुभकामनाएं मिल रही हैं।

 

 

कफील खान ने लिखी स्पेशल पोस्ट

कफील ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मैंने जवान को नहीं देखी है लेकिन लोग मुझे मैसेज करके कह रहे हैं कि उन्होंने मुझे मिस किया । कफील ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि फिल्मी लाइफ और असल जिंदगी में बहुत अंतर है। फिल्मों में सेना, स्वास्थ्य मंत्री आदि के दोषियों को सजा मिलती है लेकिन यहां मैं और वे 81 परिवार अभी भी न्याय के लिए भटक रहे हैं ।

कफील खान की सच्चाई

डॉ. कफील एक डॉक्टर और गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में एक्स लेक्चरर हैं। जब उन्हें पता चला कि बकाया पेमेंट न करने की वजह से सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी गई है, तो उन्होंने ऑफीसर्स का ध्यान इस मुद्दे पर लाने की पूरी कोशिश की। जब वे डिलीवरी करने में सक्सेस नहीं हो पाईं तो उन्होंने अपने खर्च पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल कराई थी। हालांकि, इस बीच एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से 63 बच्चों की मौत हो गई थी । उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी वजह ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी होने से इनकार किया था। अधिकारियो ने कफ़ील को कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में जेल भेज दिया था।