सार
Gadar 2 Movie Review in Hindi. सनी देओल की मोस्ट अवेटेड फिल्म गदर 2 शुक्रवार को रिलीज हुई। हालांकि, रिलीज के साथ फिल्म को अच्छे रिव्यू नहीं मिले। गदर एक प्रेमकथा के बाद इसके सीक्वल को लेकर जो एक्साइटमेंट था, वो मूवी देखने के बाद धरा का धरा रह गया।
एंटरटेनमेंट डेस्क. सनी देओल (Sunny Deol) और अमीषा पटेल (Ameesha Patel) की मच अवेटेड फिल्म गदर 2 (Gadar 2) शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। 22 साल पहले आई धमाकेदार फिल्म गदर एक प्रेमकथा के सीक्वल का इंतजार करने का उत्साह गदर 2 देखकर ठंडा पड़ गया। डायरेक्टर अनिल शर्मा (Anil Sharma) सीक्वल लेकर जरूर आए, लेकिन ओवरऑल बात करें तो वो फेल हो गए। ना तो फिल्म के स्क्रीनप्ले में दम दिखा और ना फिल्म की स्टारकास्ट अपनी एक्टिंग से प्रभावित कर पाई। फिल्म देखकर कहा जा सकता है कि लीड हीरो सनी देओल जरूर हैं, लेकिन उनका रोल कैमियो से ज्यादा नहीं है। स्क्रीन पर सनी का किरदार महज 10 फीसदी ही नजर आया। सनी के नाम पर डायरेक्टर ने अपने बेटे उत्कर्ष शर्मा को दोबारा लॉन्च करने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हुए। उत्कर्ष को अपनी एक्टिंग में अभी और पॉलिश करने की जरूरत है।
ऐसी है फिल्म की कहानी
फिल्म गदर 2 की शुरुआत फ्लैशबैक के साथ होती है, जिसमें दिखाया जाता है कि सकीना (अमीषा पटेल) के पिता अशरफ अली (अमरीश पुरी ) को गद्दारी करने के जुर्म में फांसी दे दी जाती है। वहीं, उनकी पत्नी को भी मौत की सजा सुनाई जाती है। फिर फिल्म रियल में आती है जहां दिखाया जाता है कि तारा सिंह (सनी देओल) अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जिंदगी गुजार रहा है। उनका बेटा जीते (उत्कर्ष शर्मा) अब बड़ा हो गया है। तारा सिंह ट्रकों में हथियार लाने ले जाने का बिजनेस करता है और एक दिन गलती है पाकिस्तान की बॉर्डर पार कर जाता है। घर पर खबर आती है, तारा सिंह पाकिस्तान की जेल में बंद है। ये सुनकर बेटा और पत्नी घबरा जाते है।
- पिता को छुड़ाने जीते पाकिस्तान जाता है। जहां उसकी मुलाकात रिया खान (सिमरत कौर) से होती है। कुछ ही मुलाकातों में जीते-रिया एक-दूसरे से प्यार करने लगते है। रिया, जीते को उसके पिता से मिलाने में मदद करती है। जीते उस जेल के अंदर पहुंच जाता है, जहां तारा कैद है, लेकिन अंदर पहुंचकर उसे हकीकत पता चलती है कि उसके पिता यहां है ही नहीं, लेकिन इन सबके बीच वो पाकिस्तानी फौज के हत्थे चढ़ जाता है। इधर, तारा सिंह किसी तरह घर पहुंचता है और उसे अपने बेटे के बारे पता चलता है। यहीं से शुरू होता है तारा सिंह का अपने बेटे को पाकिस्तान से वापस लाने का सफर। क्या तारा अपने बेटे को वापस भारत ला पाता है, उसे किस मुश्किल दौर से गुजरना पड़ता है, क्या जीते-रिया का मिलन होता है... इन सभी सवालों का जवाब पाने के लिए फिल्म देखनी पड़ेगी।
लंबी है फिल्म गदर 2
2 घंटे 50 मिनट की गदर 2 थोड़ी लंबी है और इसे आसानी से 30 मिनट तक छोटा किया जा सकता था। शक्तिमान तलवार का लेखन इस बार वो प्रभाव नहीं छोड़ पाया जैसा 22 साल पहले था। वहीं, फिल्म के डायलॉग्स में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपको वाह-वाह करने पर मजबूर करें। जो डायलॉग्स सबसे ज्यादा प्रभावी है जैसे हिंदुस्तान जिंदाबाद, ये पहले ही सुने जा चुके हैं।
गानों का रिक्रिएशन रहा शानदार
फिल्म गदर 2 में जो बात सबसे शानदार है वो है गानों का रिक्रिएशन। मैं निकला गड्डी लेके और उड़ जा काले कावा.. गानों को इस फिल्म में रीक्रिएट किया और इसका पिक्चराइजेशन काफी उम्दा रहा। इनके अलावा कुछ और गाने भी ताजी हवा का झोंका जैसे हैं, जो निराश नहीं करते।
नहीं दिखा गदर 2 में देशभक्ति का जज्बा
जहां तक फिल्म गदर 2 में वीरता और देशभक्ति के जज्बे की बात है, तो इसमें छाती पीटने वाली देशभक्ति नहीं दिखी और ऐसे सीन्स भी नहीं थे जिनपर दर्शक सीटी बजा सके। फिल्म में तारा और जीते दोनों को ही अपनी ताकत दिखाने का भरपूर मौका मिला। फिल्म में कुछ नॉन-स्टॉप एक्शन सीक्वेंस सिरदर्द बढ़ाने के लिए है।
बात करें गदर 2 के लीड स्टार्स की एक्टिंग की
डायरेक्टर अनिल शर्मा ने एक बार सनी देओल और अमीषा पटेल को मौका दिया। फिल्म में सनी का कैमियो रोल ही नजर आ रहा है, जिसमें उन्होंने दमदार एक्टिंग दिखाई। वहीं, अमीषा पटेल की अदाकारी में अब दम नहीं बचा है। उत्कर्ष शर्मा को तो अभी एक्टिंग में परिपक्व होने में लंबा समय लगेगा। वहीं, पाकिस्तान की फौज के कर्नल का रोल प्ले करने मनीष वाधवा ने अपनी बेहतरीन अदाकरी से सबका दिल जीत लिया या फिर यूं कहें कि वो ही पूरी महफिल लूट ले गए।
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