बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम और इमरान हाशमी ऐतिहासिक शाह बानो मामले पर बनी कोर्टरूम ड्रामा "हक़" में लीड रोल में नज़र आएंगी। 7 नवंबर, 2025 को रिलीज़ होने वाली यह फिल्म मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों और पक्षपाती कानून पर आधारित है। 

Yami Gautam opens up about playing Shah Bano: बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम और इमरान हाशमी पहली बार सुपर्ण एस. वर्मा द्वारा निर्देशित कोर्टरूम ड्रामा फिल्म "हक़" में साथ नज़र आएंगे। 7 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली यह फिल्म भारत के सबसे अहम केस शाह बानो से इंस्पायर है। इसमें मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों, उनकी स्वतंत्रता, आस्था और धर्मनिरपेक्ष न्याय को जज करती है।

जहां इमरान हाशमी इस फिल्म के साथ एक नए आयाम में कदम रख रहे हैं, वहीं यामी एक ऐसा किरदार निभा रही हैं जो उनकी ऑन-स्क्रीन इमेज के बारे में बनी धारणाओं ( assumptions ) को चैलेंज करती है। बीते कुछ सालों में यामी गौतम की इमेज देशभक्ति या सोशल अवेयरनेस वाले किरदारों के लिए बन गई है। यामी ने हाल ही में एचटी सिटी के साथ एक इंटरव्यू में "हक़" में एक मुस्लिम महिला के किरदार के बारे में बात की।

क्या यामी गौतम केवल राष्ट्रवादी फिल्मों पर कर हीं फोकस

यामी ने किरदार चुनने के अपने तरीके के बारे में बताते हुए कहा, " वो किसी धर्म या इमेज देखकर फिल्में साइन नहीं करती हैं। उन्होंने कहा कि, मुझे नहीं लगता कि मेरा करियर किसी विवाद या किसी क्लिकबेट कल्चर पर टिका है, जहां मैं कुछ समय के लिए ही यहां हूं। मैं यहां (इंडस्ट्री में 2012 से 2025) बहुत समय से हूं, है।"

मैं हमेशा से एक ही इंसान थी ! मैंने अपनी शुरुआत भी एक ऐसी फिल्म से की थी जो उस समय के हिसाब से बहुत ही अनट्रेडीशनल थी, लेकिन बेशक, यह एक बेहतरीन स्क्रिप्ट वाली सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक थी। अब मैं जो करने की कोशिश कर रही हूं, वह यही है कि मैं हमेशा से वही इंसान बनी रहूं जो मैं थी। हो सकता है कि बीच में मैंने जो कुछ फिल्में कीं, उनमें यह बात न दिखाई दी हो, लेकिन ऐसा कुछ नहीं। एक ऐसा भी समय होता है जब आपको जल्दी सक्सेस मिल जाती है, खासकर जब आप इंडस्ट्री से नहीं होते, तो मैं अंदर, बाहर और बारीकियों में नहीं जा पाता।"

यामी गौतम के मुताबिक, मुझे वही करना है जो मुझे करना है। यह मेरी केवल तीसरी फिल्म है जहां आप फिर से सोच सकते हैं – ओह, यह फिर से कुछ राष्ट्रवादी है… मेरे लिए, इन फिल्मों का हिस्सा होना या मैं उन किरदारों को आवाज़ दे रही हूं, जो सचमुच देश के गुमनाम नायक हैं। ऐसा कैसे हो सकता है कि एक फिल्म जो सोशल डेव्लपमेंट की बात करती है, उसे प्रगतिशील के अलावा किसी और तरह से देखा या रंगा जा सकता है? यह मेरी समझ से परे है।”

हक और यामी के किरदार के बारे में

यामी गौतम की अपकमिंग मूवी हक एक कोर्ट रूम ड्रामा है, जो ऐतिहासिक शाह बानो मामले से इंस्पायर है। साल 1978 में दायर एक पिटीशन में भारत में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए एक अहम मोड़ साबित हुई। इस फिल्म में यामी शाह बानो बेगम से इंस्पायर एक किरदार निभाती नज़र आएंगी, वहीं इमरान हाशमी वकील की भूमिका में दिखेंगे।

यह मामला - मोहम्मद अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम - तब शुरू हुआ जब 62 वर्षीय शाह बानो ने अपने तलाकशुदा पति मोहम्मद अहमद खान से गुजारा भत्ता मांगा। 1985 में सुप्रीम कोर्ट के उनके फेवर में दिए गए फैसले ने देशव्यापी बहस छेड़ दी, इस फैसले का मुस्लिम पक्ष ने भारी विरोध किया। उस समय की तत्कालीन सरकार ने फैसला बदलने के लिए कानून ही बदल दिया था।