सार

 ज्विगैटो में  कपिल शर्मा ने डिलीवरी बॉय का किरदार निभाया हैें।  वहीं डायरेक्टर नंदिता दास  एक डिफरेंट शेड की कहानी लेकर आईं हैं । इसे उन्होंने बहुत इमोशनल तरीके से गुंथा है। ये उनके डायरेक्शन की तीसरी फिल्म है। 

 

एंटरटेनमेंट डेस्क, Zwigato movie review : कपिल शर्मा एक्टिंग की दुनिया में भी धीरे-धीरे महारत हासिल करते जा रहे हैं । नंदिता दास की इस फिल्म में कपिल एक मैच्योर एक्टर की तरह नज़र आए हैं। वहीं मूवी की स्टोरी यूथ को पसंद आ सकती है।

भारत तेजी से बदल रहा है। अब कोई भी बिजनेस छोटा नहीं रहा, इसमें कई ऑप्शन शामिल हो गए हैं । वहीं यूथ के लिए ज़ॉब के लिए एक बड़ी फील्ड भी नज़र आ रही है, हालांकि इसमें कई सारी चुनौतियां भी हैं।  ज्विगैटोें भी ऐसे  ही चैलेंज को दिखाती हैं ।   

ई-कॉमर्स कंपनियों की नौकरी है बड़ी चुनौती

इस जनरेशन के लिए, ई-कॉमर्स फूड डिलीवरी कंपनियां वरदान बनकर उभरी हैं, ये उन कस्टमर की जरूरतों और ऑर्डर को पूरा करती हैं। ये कहानी ऑनलाइन  डिमांड कर रहे लोगों फ्रस्ट्रेशन को भी दिखाती है।  दरअसल लोगों के पास अपने फूड कैसे और कब ऑर्डर करना है, इस पर अधिक कंट्रोल हासिल हो गया है। वहीं इसका नुकसान इस बिजनेस में लगे एम्पलाई को भोगना पड़ता है। इस बिजनेस में लगे कर्मचारियों को अक्सर  इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। ये तमाम मुद्दे इस मूवी में देखने को मिलते हैं । 

नंदिता दास ने ज्विगैटो में डिफरेंट शेड की कहानी लेकर आईं हैं । इसमें उन्होंने कहानी को बहुत इमोशनल तरीके से गुंथा है। ये उनके डायरेक्शन की तीसरी फिल्म है।

ज्विगैटो है इमोशनल ड्रामा

104 मिनट की की इस मूवी कपिल शर्मा ने सेंट्रल कैरेक्टर अदा किया हैं, जो झारखंड निवासी मानस महतो की भूमिका निभा रहे हैं, जो अपनी पत्नी प्रतिमा (शहाना गोस्वामी), दो बच्चों और बीमार मां के साथ रोजगार के लिए भुवनेश्वर आते हैं।

एक फर्म में फ्लोर मैनेजर की नौकरी गंवाने के बाद, उन्हें बेहतर नौकरी नहीं मिल पाती है। इसके बाद वे फूड डिलीवरी राइडर के रूप में काम करने का मन बनाते हैं। इस दौरान उन्हें हर दिन एक नई मुश्किल का सामना करना पड़ता है। मानस अकेले ही नहीं ये लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी पत्नी प्रतिमा भी ने पति की इनकम में सपोर्ट करने के लिए मौके तलाशती हैं। इसके लिए वे अमीर महिलाओं की मसाज करने से लेकर मॉल में सफाई करने तक, कई कामों में अपना हाथ आजमाती है।

एक सीन  बेहद मार्मिक है, जब कपिल को पता चलता है कि मानस का बड़ा भाई अपनी फैमिली के साथ आने वाला है, तो वह  सिंगल रूम को शेयर करने के लिए पुरानी साड़ियों और बेडशीट को एक साथ सिलते है, ताकि आने वाले परिवार के लिए सेप्रेट  इंतजाम किया जा सके । 

मानस को हर डिलीवरी महज़ 15 रुपये मिलते हैं । इतना कमाने के लिए भी उसे पूरे दिन हाथ पैर मारने पड़ते हैं। इसमें एक सीन आता है, जब कपिल एक अपार्टमेंट में 20 पिज्जा का ऑर्डर लेकर पहुंचता है । शराब में डूबी इस पार्ट में उसके साथ बहुत खराब व्यवहार किया जाता है, अपार्टमेंट मालिक उससे सिर्फ दो लेता है, बाकी ले जाने के लिए कहता है। ये सीन दर्शकों को कचोटता है।  

ये फैमिली जहां रहती है, उस घर में प्रॉपर वेंटीलेशन नहीं है। वहीं इस छोटे से घर में प्रतिमा और उनकी बेटी बिना किसी हिचकिचाहट के अपाहिज मां की सेवा करती । फैमिली का हर मेंबर बिना किसी सवाल के बस अपना कर्तव्य निभाता है। इन तमाम दिक्कतों के साथ कहानी कैसे आग बढ़ती है, इसे देखने के लिए आपको थिएटर का रुख करना होगा। 

मूवी - Zwigato

डायरेक्टर : नंदिता दास

कास्ट : कपिल शर्मा, शाहाना गोस्वामी

रेटिंग- 3.5