सार
ऋषभ कलारीपयट्टु कलाकार क्यों बने..? एक नज़र डालें। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद, सभी की निगाहें डिवाइन स्टार ऋषभ शेट्टी पर टिकी हैं।
ऋषभ शेट्टी की प्रतिभा के बारे में पूरा देश जानता है। यही कारण है कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। इसके बाद से ही ऋषभ से उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। डिवाइन स्टार उन उम्मीदों पर खरे उतरने के लिए तैयार हैं। इसके लिए ऋषभ कलारीपयट्टु युद्ध कला सीख रहे हैं। आखिर ऋषभ कलारीपयट्टु कलाकार क्यों बने..? एक नज़र डालें। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बाद, सभी की निगाहें डिवाइन स्टार ऋषभ शेट्टी पर टिकी हैं।
ऋषभ शेट्टी द्वारा निर्देशित और अभिनीत 'कान्तार' चैप्टर-1 को लेकर भारी उम्मीदें हैं। फिल्म की 30 प्रतिशत शूटिंग पूरी हो चुकी है। निर्माता विजय किरागंदूर ने पहले ही बता दिया है कि फिल्म अगले साल रिलीज होगी। अब ऋषभ कांतार के लिए कलारीपयट्टु कलाकार बन गए हैं। कुंदापुर के केराडी में कांतार प्रीक्वल की शूटिंग चल रही है। इस फिल्म से 1000 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा गया है। इस फिल्म के लिए ऋषभ शेट्टी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने किरदार के लिए कलारीपयट्टु युद्ध कला सीख रहे हैं।
तलवार और ढाल लिए ऋषभ शेट्टी की कलारीपयट्टु सीखते हुए एक तस्वीर सामने आई है। कलारीपयट्टु केरल की एक प्राचीन युद्ध कला है। 11-12वीं शताब्दी में केरल में कलारीपयट्टु युद्ध कला का जन्म हुआ था। माना जाता है कि आज दुनियाभर में मशहूर मार्शल आर्ट्स की जड़ें भी इसी कलारीपयट्टु में हैं। आज भी केरल में कई लोग इस कला को शिद्दत से सीखते हैं। करावली की 'कान्तार'-1 की कहानी का केरल की इस प्राचीन युद्ध कला से क्या संबंध है, यही कांतार प्रीक्वल का सीक्रेट है।
शंकर नाग अभिनीत फिल्म 'ओंदानोंदु कालदल्ली' में भी कलारीपयट्टु के दृश्य थे। मलयालम अभिनेता मोहनलाल की फिल्मों में भी इस कलारीपयट्टु युद्ध कला का प्रदर्शन किया गया है। अभिनेत्री साई पल्लवी ने भी कलारीपयट्टु युद्ध कला सीखी है। फिल्म अनुकोनी अतिथि में साई पल्लवी द्वारा दिखाई गई कलारीपयट्टु युद्ध कला को भुलाया नहीं जा सकता। अब ऋषभ शेट्टी कांतार चैप्टर वन के लिए कलारीपयट्टु युद्ध कला सीखकर आए हैं। ऋषभ ने केरल में 15 दिन तक इस युद्ध कला का अभ्यास किया है। इस तरह कांतार प्रीक्वल को लेकर अब उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं।