सार

टीवी पर दो बार द्रौपदी का रोल निभा चुकी इस एक्ट्रेस को एक बार असल लाइफ में भी सार्वजानिक रूप से 'चीर हरण' जैसी घटना का सामना करना पड़ा था। एक्ट्रेस ने खुद इस बारे में खुलासा किया था। 

एंटरटेनमेंट डेस्क. छोटे पर्दे पर 'महाभारत' पर बेस्ड कई शो आ चुके हैं और कई एक्ट्रेसेस टीवी पर द्रौपदी का रोल निभा चुकी हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक एक्ट्रेस ऐसी भी है, जिसने एक बार नहीं, बल्कि दो बार टीवी पर द्रौपदी का रोल निभाया है और दोनों बार दर्शकों के दिलों पर राज़ किया है। लेकिन यह एक दुखद संयोग ही है कि असल लाइफ में यह एक्ट्रेस 'महाभारत' की द्रौपदी की तरह चीर हरण की शिकार हो चुकी है। खुद एक्ट्रेस ने अपनी आपबीती एक बातचीत के दौरान शेयर की थी।

कौन है दो बार द्रौपदी का रोल करने वाली टीवी एक्ट्रेस?

हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं, वे कोई और नहीं, बल्कि रूपा गांगुली हैं। रूपा ने 1988 में निर्माता बी. आर. चोपड़ा और निर्देशक रवि चोपड़ा के टीवी शो 'महाभारत' में द्रौपदी का रोल निभाया था। यह उनका डेब्यू शो था, लेकिन उन्होंने पांचाली का किरदार इतनी शिद्दत से निभाया कि आज भी लोग द्रौपदी के किरदार की बात होने पर उन्हें याद करते हैं। 'महाभारत' ब्लॉकबस्टर शो साबित हुआ था और इसने रूपा को रातोंरात स्टार बना दिया था।

दूसरा शो कौन-सा है, जिसमें रूपा गांगुली ने द्रौपदी का रोल निभाया था?

'महाभारत' के लगभग 9 साल बाद डायरेक्टर रवि चोपड़ा एक बार फिर टीवी पर इसी कहानी का अगला पार्ट लेकर आए। इस बार भी शो के निर्माता बी. आर. चोपड़ा ही थे और 'महाभारत' के ज्यादातर एक्टर इसमें रिपीट हुए थे। शो का टाइटल था 'महाभारत कथा'। इस बार भी द्रौपदी के रोल में रूपा गांगुली ही दिखाई दी थीं। कृष्ण के रोल रोल में नितेश भारद्वाज की जगह ऋषभ शुक्ला थे। इस बार शो में वो कहानियां दिखाई गई थीं, जो 'महाभारत' में छूट गई थीं। इनमें अर्जुन का चित्रांगदा और उलूपी से शादी करना, कर्ण और पद्वावती की शादी, घटोत्कच, बर्बरीक की कहानी, कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद की कहानी और युधिष्ठिर के अश्वमेध यज्ञ जैसी कहानियां शामिल हैं।

असल लाइफ में 'चीर हरण' का शिकार हो चुकीं 'महाभारत' की द्रौपदी!

'महाभारत' में रूपा गांगुली ने जब द्रौपदी का रोल निभाया और पर्दे पर उनका चीर हरण हुआ तो हर कोई हैरान रह गया था। दुशासन (विनोद कपूर) और दुर्योधन (पुनीत इस्सर) के प्रति लोगों के मन में गुस्सा भर गया था और द्रौपदी की हालत देख उनकी पलकें भीग गई थीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रूपा गांगुली को आगे जाकर असल लाइफ में भी ऐसी ही घटना का सामना करना पड़ा था। यह 2016 में तब की बात है, जब रूपा गांगुली भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम करती थीं और इसके कुछ महीने बाद ही उन्हें BJP ने राज्यसभा सांसद बनाया था। रूपा पर गुंडों की एक टोली ने हमला किया था। उनका सिर कार से टकरा दिया था और उनकी साड़ी फाड़ दी गई थी।

खुद रूपा गांगुली ने बयां किया था अपना दर्द

रूपा गांगुली ने पत्रकार सुभाष के. झा से बातचीत में बताया था, "2 अक्टूबर 1988 को महाभारत टेलीकास्ट होना शुरू हुआ था, जिसमें मैंने द्रौपदी का रोल निभाया था। मुझे कहां पता था कि यह उस घटना की रिहर्सल था, जो मेरे साथ 22 मई 2016 को घटी। मुझ पर डायमंड हारबर (कोलकाता के पास) में गुंडों की एक बड़ी टोली ने हमला किया। मुझे पीटा गया और मेरी साड़ी फाड़ दी गई। मेरा सिर लगातार मेरी कार से मारा गया। क्या वे मुझे मारना चाहते थे? शायद नहीं। इससे ममता बनर्जी सरकार को मुसीबत खड़ी हो जाती। लेकिन उनका इरादा मुझे गंभीर रूप से घायल करके छोड़ने का था।"

रूपा गांगुली ने आगे कहा, "बाद में जब मुझे अधमरी हालत में छोड़ा गया तो मैंने खुद कार ड्राइव की और अस्पताल पहुंची। इस दौरान मेरी महिला साथी मुझे डायरेक्शन दे रही थीं, क्योंकि मैं अपनी आंख से देख भी नहीं पा रही थी। अब भी मुझे अपनी एक आंख से कम दिखाई देता है।" बताया जाता है कि यह घटना उस वक्त घटी थी, जब रूपा गांगुली राजनीतिक हिंसा के पीड़ितों से मिलकर लौट रही थीं। दावा किया जाता है कि रूपा गांगुली पर हमला तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किया था।

क्यों किया गया था रूपा गांगुली पर हमला?

रूपा गांगुली ने कहा था, "जब महिला पर शारीरिक हमला किया जाता है तो उसके जख्म हमेशा के लिए रह जाते हैं। मेरे शरीर पर जगह-जगह काले-नीले घाव आए थे, जो ठीक हो गए हैं। लेकिन दर्द और अपमान अब भी बना हुआ है। मुझे याद है कि मुझे इस रेप पीड़िता की चिंता हो रही थी, जिसके लिए इंसाफ की लड़ाई मैं लड़ रही थी। वह एक वजह थी, जिसके चलते मुझ पर हमला किया गया। अगर मैं ही सुरक्षित नहीं थी तो वह कैसे सुरक्षित हो सकती थी।"

'महाभारत' में चीर हरण के बाद कैसा था रूपा गांगुली का हाल

रूपा गांगुली ने इस दौरान 'महाभारत' के अपने चीर हरण सीन को याद किया था और बताया था कि उनके लिए यह सीन आसान नहीं था। वे कहती हैं, "मैं ज़मीन पर गिर गई, मुझे फर्श पर घसीटा गया। दुशासन का रोल करने वाले विनोद कपूर मुझे चोट पहुंचाने से डर रहे थे। लेकिन मैं इसे हर संभव असली जैसा दिखाने की कोशिश कर रही थी। जब इस सीक्वेंस की शूटिंग पूरी हो गई, तब मैं खुद को रोने से नहीं रोक सकी थी।"

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