सार

मीडिया में दावा किया जा रहा है कि अजित पवार के सिंचाई घोटाले से जुड़ी सभी फाइलें बंद कर दी गई हैं और उन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। बड़े-बड़े न्यूज चैनल इस खबर को चलाते नजर आए लेकिन माजरा कुछ ओर ही निकला।

नई दिल्ली. महाराष्ट्र राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। सरकार बनने के 72 घंटे के अंदर ही अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उनके पद संभालते ही मीडिया में उनके बारे में जमकर चर्चा हो रही। मीडिया में दावा किया जा रहा है कि अजित पवार के सिंचाई घोटाले से जुड़ी सभी फाइलें बंद कर दी गई हैं और उन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। बड़े-बड़े न्यूज चैनल इस खबर को चलाते नजर आए लेकिन माजरा कुछ ओर ही निकला।

दरअसल अजित पवार पर सिंचाई घोटाले के आरोप लगे हैं। इसके जुड़े केस चल रहे हैं। उधर दूसरी तरफ महाराष्ट्र में 2019 विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने को लेकर लंबे समय से टालमटोल चल रही है। 25 नबंवर को सीएम फडणवीस और अजित पवार ने सीएम और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इसके बाद मीडिया में पवार पर लगे घाटाले के आरोप से क्लीन चिट की खबरें फैल गईं। बिना सत्यता जाने लोग इन खबरों को शेयर करने लगे। हालांकि फैक्ट चेक करने पर इन खबरों की पोल खुल गई।

फैक्ट चेक-

अजित पवार की इरिगेशन स्कैम से जुड़ी सभी फाइलें बंद कर दी गई हैं। पड़ताल में सोशल मीडिया का दावा झूठा निकला। महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजी परमबीर सिंह ने इस दावे को झूठा बताया और कहा कि डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार से जुड़े कोई भी केस बंद नहीं किए गए हैं।

कैसे हुई वायरल- 

इंग्लिश न्यूज चैनल टाइम्स नाउ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि, पवार के सिंचाई घोटाले से जुड़ी सभी फाइलें बंद कर दी गई हैं। घोटाले के आरोपी पवार को क्लीनचिट मिल गई है। इसके बाद दूसरे चैनल द्वारा यह ब्रेकिंग देते ही सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसे शेयर करना शुरू कर दिया। आप पार्टी नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट किया कि 'बेचारे अजित पंवार, बताइए भला ? ऐसे घनघोर ईमानदार नेता पर हमारे देवेंद्र भैया से “चक्की पिसींग-पिसींग” वाले भ्रष्टाचार के आरोप लगाया दिए। ख़ामख़ाह 48 घंटे में,70 हज़ार करोड़ के घोटाले के आरोप से अपनी ही सरकार द्वारा क्लीन चिट पाने पर देश के “लोकतंत्र” व अजित दादा को बधाई'। 

डीजी ने सामने रखी सच्चाई- 

वायरल होने के बाद महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजी परमबीर सिंह ने इस दावे को झूठा बताया। डीजी परमबीर सिंह का बयान भी तुरंत सामने आ गया और फेक खबरों पर लगाम लग गई।  

फैक्ट चेकिंग से स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया का दावा गलत है कि अजित पवार से जुड़े सभी केस बंद कर दिए गए हैं और उन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। यूजर्स ऐसी फर्जी खबरों को शेयर करने से पहले फैक्ट चेक कर लें।