सार
फ़ेसबुक ग्रुप हिन्दू एकता में राहुल केशरी नाम के एक यूज़र ने ये तस्वीर शेयर की है। इस भ्रामक पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पर जमकर शेयर किया जा रहा है।
फैक्ट चेक डेस्क. देश में 25 अक्टूबर दशहरा के त्यौहार के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ने जमकर बवाल मचाया। इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जाने लगा कि पंजाब में रामलीला के दौरान हमला किया गया। तस्वीर में एक बड़े कमरे में पूजा सामग्री और भगवानों की तस्वीरों को जमीन पर अस्त-व्यस्त हालत में देखा जा सकता है। ऐसा लगता है कि किसी पूजा स्थल पर जमकर तोड़फोड़ की गई हो।
फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
वायरल पोस्ट क्या है?
तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा जा रहा है "शर्मनाक पंजाब में अब हिंदुओ की रामलीला पर भी हमले होने लगे?" इस भ्रामक पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पर जमकर शेयर किया जा रहा है।
राज सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा कि, पंजाब में भी कांग्रेसी सरकार होने के कारण हिन्दुओं की रामलीला आयोजन पर हमला किया गया और आयोजन स्थल को दूषित किया गया! शायद कांग्रेस हिन्दूओं को पूरी तरह नष्ट करना चाहती है। यहां देखें ट्वीट का अकाइव वर्जन।
फैक्ट चेक
तस्वीर से जुड़ी सच्चाई जानने हमने फोटो को गूगल रिवर्स सर्च किया। तब ये तस्वीर कुछ वेबसाइट के आर्टिकल्स पर मिली। इंडिया पॉलिटिक्स नाम की एक वेबसाइट के मुताबिक, अक्टूबर 2018 में सिडनी के रीजेंट्स पार्क स्थित "भारतीय मंदिर" पर हमला कर तोड़फोड़ की गई थी।
मंदिर में कुछ जगहों पर आग लगा दी गई थी और 30 से ज्यादा मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया था। वायरल तस्वीर भी उसी समय की है। मंदिर से जुड़े लोगों ने आशंका जताई थी कि ये घटना 'हेट क्राइम' का अंजाम हो सकती है।
पंजाब में ऐसी ही घटना से जुड़ी जानकरी जुटाने हमने गूगल सर्च किया। तो हमें पता चला कि ये बात सच है कि पंजाब में भी एक रामलीला आयोजन के दौरान गुंडागर्दी हुई है। जागरण की खबर के अनुसार, पठानकोट के एक गांव में बुधवार को शरारती तत्वों ने श्रीरामलीला मंचन के दौरान हुड़दंग मचाया था। उसी घटना से जोड़कर ये तस्वीर साझा की जा रही थी। हालांकि तस्वीर भारत की नहीं सिडनी की है।
ये निकला नतीजा
जांच-पड़ताल में ये साबित हो जाता है कि वायरल पोस्ट पूरी तरह सच नहीं है। पंजाब में ऐसी एक घटना जरूर हुई है लेकिन इस तस्वीर का पंजाब की घटना से कोई लेना-देना नहीं है।