सार

वीडियो मैसेज में दावा किया जा रहा है कि  केंद्र सरकार के अधीन बीएसएफ लोगों का घर खाली करा रहा है। बीएसएफ के जवान सीमावर्ती इलाकों में जमकर तोड़फोड़ कर रहे हैं। निजी चैनल में कुछ पिक्स दिखाकर करके बीएसएफ जवानों पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, देखें इस वायरल खबर की सच्चाई... 
 

नई दिल्ली। इंटरनेट पर भ्रामक खबरों के जरिए लोगों को डराने की कोशिश की जाती है। ऐसी खबरों से  देश-राज्य-शहरों का माहौल खराब होता है। कुछ गैर जिम्मेदार मीडिया और लोगों द्वारा झूठी खबरों  के जरिए अपनी साइट या चैनल को जल्द प्रसिद्धि दिलाने के लिए कोई भी बड़ी  घटना बिना तथ्यों के पेश कर दी जाती है। एक ही एक घटना कर वायरल की जा रही है। 
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वीडियो में किया जा रहा दावा
 इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि  केंद्र सरकार के अधीन बीएसएफ लोगों का घर खाली कर रहा है। बीएसएफ के जवान सीमावर्ती इलाकों में जमकर तोड़फोड़ कर रहे हैं। चैनल में कुछ पिक्स की एडीटिंग करके बीएसएफ जवानों पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
 
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फेक न्यूज को पहचानना जरुरी
 सोशल मीडिया के इस दौर में फेक न्यूज को पहचानना जरुरी है। किसी भी खबर या दावे पर आंख बंद कर भरोसा ना करें, ये खबर झूठी और भ्रामक हो सकती है। दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई आसामजिक तत्व भ्रामक जानकारियां शेयर करते हैं, जिससे लोग गुमराह होते हैं।
 
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निजी चैनल का बड़ा दावा
ऐसी ही एक भ्रामक घटना पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर तेजी शेयर की जा रही है, जिसमें "बरक बांग्ला लाइव 24X7" के हवाले से कहा जा रहा है कि असम के करीमगंज जिले में बीएसएफ के अधिकारी वहां के स्थानीय लोगों को मार रहे हैं और उनके घरों को तोड़ रहे हैं।
 
फर्जी और भ्रामक है खबर
हमने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि असम के करीमगंज जिले में ऐसी एक भी घटना सामने नहीं आई है। हमारी पड़ताल में ये खबर पूरी तरह से भ्रामक और झूठी है।

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पीआईबी ने भी बताया फेक न्यूज
वहीं सरकारी एजेंसी पीआईबी ने भी अपने फैक्ट चैक में इस जानकारी को फर्जी बताया है। पीआईबी ने अपने ट्विटर अकाउंट में लिखा है कि "बराक बांग्ला लाइव 24X7" द्वारा प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट में @BSF_India कर्मियों द्वारा करीमगंज जिले में घरों को नष्ट करने और नागरिकों की पिटाई के संबंध में कई #भ्रामक दावे किए गए हैं। #पीआईबी फैक्ट चेक:

Several #Misleading claims have been made in a news report published by "Barak Bangla Live 24X7" regarding @BSF_India personnel destroying houses & beating civilians in Karimganj district. #PIBFactCheck:

▶️The news report is far beyond the truth and is unfounded pic.twitter.com/pJhqr2fsmO

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निष्कर्ष
एक निजी चैनल द्वारा प्रसारित की जा रही घटना का सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। बीएसएफ ने यहां कोई कार्रवाई नहीं की है। असम के करीमगंज जिले में पूरी तरह शांति है। यहां के लोग पूरी स्वतंत्रता के साथ जीवन जी रहे हैं। हमारी पड़ताल में घर से बेघर करने और मारपीट करने की खबर फर्जी और भ्रामक है।