सार

वायरल फोटो में कहा गया है, “यह वह व्यक्ति है जिसने अपने एचआईवी संक्रमित खून को कैडबरी चॉकलेट्स में  मिला दिया है। अगले कुछ हफ्तों तक कैडबरी के किसी भी उत्पाद को न खाएं, क्योंकि कंपनी के एक कार्यकर्ता ने एचआईवी (एड्स) से दूषित खून से इसे जहरीला बना डाला है।

नई दिल्ली. आप चॉकलेट्स खाते हैं या आपके घर में बच्चे चॉकलेट्स के लिए जिद करते हैं तो उसकी क्वलालिटी आपके लिए बहुत मायने रखती होगी। सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से कैडवरी कंपनी की चॉकलेट्स में एचआईवी वायरस के होने की खबर फैली हुई है। फेसबुक, ट्विटर इंस्टा सब जगह इस चॉकलेट को न खाने के चेतावनी देती न्यूज वायरल हो रही हैं। आपने पहले भी ऐसी खबरें देखी-सुनी होंगी।

हाल-फिलहाल वायरल फोटो में कहा गया है, “यह वह व्यक्ति है जिसने अपने एचआईवी संक्रमित खून को कैडबरी चॉकलेट्स में  मिला दिया है। अगले कुछ हफ्तों तक कैडबरी के किसी भी उत्पाद को न खाएं, क्योंकि कंपनी के एक कार्यकर्ता ने एचआईवी (एड्स) से दूषित खून से इसे जहरीला बना डाला है। इसे कल बीबीसी न्यूज़ पर दिखाया गया था। कृपया इस मैसेज को उन लोगों को भेजे जिनकी आप परवाह करते हैं। "

इस कॉपी पेस्ट मैसेज के साथ लोग इस खबर को धड़ाधड़ शेयर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर सैकड़ों लोगों ने फोटो को फैमिली और दोस्तों के साथ शेयर किया है। हालांकि उन्होंने फोटो में दी गई जानकारी की सच्चाई जानने की कोशिश नहीं की। अब वायरल हो रही इस फोटो की सत्यता जानने के लिए हमने सबसे पहले बीबीसी की वेबसाइट पर "कैडबेरी " और "एचआईवी" से जुड़ी खबरों की छानबीन की तो कोई जानकारी नहीं मिली जिससे क्लियर हो गया कि बीबीसी ने ऐसी कोई खबर नहीं चलाई है। 

इसके बाद, हमने उस आरोपी की फोटो की जांच की जिसको वायरल पोस्ट में दर्शाया गया है। गूगल सर्च में पता चलता है कि ये कोई आतंकी हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया था। नाइजीरियाई समाचार साइटों में अमीनू सादिक ओग्वुचे नाम के इस आदमी को साल 2014 के न्याया बस स्टेशन बमबारी के कथित मास्टरमाइंड के रूप में गिरफ्तार किया गया था। इस हमले में करीब 70 लोगों की मौत हुई थी।

इतना ही नहीं इस गलत जानकारी को कैडबेरी ने भी खारिज कर दिया था। कैडबरी चॉकलेट बार बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज (इंडिया) के एक प्रवक्ता के साथ इस तथ्य की जाँच करने वाली संस्था ने पुष्टि की, जिन्होंने कहा, “ ये पोस्ट  एक धोखा है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। यह फर्जी खबर है। जिस व्यक्ति की तस्वीर पोस्ट में दिखाई गई है, उसने कभी भी मोंडेलेज़ के लिए काम नहीं किया। इस तरह के गलत और आधारहीन पोस्ट ब्रांडों के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने ग्राहकों से ऐसी फेक न्यूज को क्रॉस चेक करने और शेयर न करने को भी कहा।