अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है इस वीडियो में जिसके साथ ये दावा किया जा रहा है कि ये वुहान शाहर के बाजार का वीडियो है जहां जानवरों को बेरहमी से काटकर बेचा जाता है। 

नई दिल्ली. पूरी दुनिया में इस समय चीन में फैली महामारी की चर्चा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस पर चिंता जाहिर कर चुका है। चीन में कोरोना वायरस के संकमण से अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे पहले ये वायरस चीन के वुहान शहर से फैला था। अब सोशल मीडिया पर इस वायरस को लेकर तरह-तरह के वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है इस वीडियो में जिसके साथ ये दावा किया जा रहा है कि ये वुहान शहर के बाजार का वीडियो है जहां जानवरों को बेरहमी से काटकर बेचा जाता है।

दरअसल कोरोना वायरस को लेकर ये खबरें सामने आई हैं ये कि ये वायरस जानवरों से इंसानों में तेजी से फैला है। कोरोना वायरस सांप, चमगादड़ और बिल्ली से फैलता है। ऐसे में ये भी एक अफवाह है कि चीनी लोग चूहे खाते हैं और चमगादड़ का सूप पीते हैं जिसके कारण ये वायरस तेजी से फैला है। हालांकि इस दावे की सत्यता पर अभी संदेह है।

वायरल पोस्ट क्या है?

ऐसे में बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये "व्हुआन मार्केट का है। #वायरसकीजर्नी।"

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वीडियो के साथ क्या दावा किया जा रहा है?

वीडियो में जानवरों को अंधाधुंध काटते दिखाया जा रहा है। इसमें अजगर सांप के मांस से लेकर कुत्ता-बिल्ली तक का मीट बेचा जा रहा है। वीडियो के साथ लोग कह रहे हैं कि यहीं से कोरोनावायरस की उत्पत्ति हुई है। वीडियो शेयर करने वाले नए वायरस से भारत सहित कई देशों में दहशत फैल गई है, कहा जाता है कि इसकी उत्पत्ति चीन के वुहान में हुई थी। वायरस के कारण चीन में अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि भारत में संदिग्ध मामले सामने आए हैं।

वीडियो की सच्चाई क्या है?

दरअसल चीन के वुहान शहर के नाम से वायरल किया जा रहा ये वीडियो फर्जी है। फैक्ट चेकिंग में वीडियो को लेकर सह जानकारी सामने आई। वायरल वीडियो इंडोनेशिया के उत्तर सुलावेसी क्षेत्र में पसार ट्रेडिशनल लैंगोवन का है। गूगल और यूट्यूब पर ये वीडियो उपलब्ध है। इंडोनेशिया के एक बाज़ार में चूहों, सांप, चमगादड़ों और कुत्तों की विभिन्न प्रजातियों बेचा जाता है।

ये निकला नतीजा

रिवर्स इमेज सर्च में वीडियो को 20 जुलाई, 2019 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया है। अब इसी वीडियो को चीन का बताकर कोरोनावायरस से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।