सार
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस वीडयो के साथ ये दावा किया जा रहा है कि आप पार्टी लोगों को गुमराह करने के लिए झूठ-मूठ के दिव्यांग बना फर्जीवाड़ा कर रही है।
नई दिल्ली. राजधानी में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचाई हुई है। इस वीडियो में दिल्ली के मुख्य की पार्टी आप (AAP) पर सवाल उठ रहे हैं। चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा दिव्यांगों को कंबल बांटने का दावा करने वाला वीडियो सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि केजरवाल की पार्टी दिव्यांगों को जादुई कंबल बांट रही है जिसको पाने को बाद दिव्यांग चलने लगते हैं।
वायरल वीडियो में व्हीलचेयर पर बैठे एक व्यक्ति को कंबल वितरण अभियान से कंबल प्राप्त करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में आगे उस व्यक्ति को फौरन व्हीलचेयर से उतरते और पैदल चलते हुए देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट क्या है?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 8 फरवरी, 2020 को होंगे और नतीजे 11 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। वीडियो को कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है, AAP प्रचार वीडियो👇🤧😠। विकलांगों को कंबल वितरित किए जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि निर्देशक "कट" कहना भूल गया और व्यक्ति ने चलना शुरू कर दिया है। वास्तव में जादुई कंबल है #JustAsking दुनिया में सबसे ज्यादा और सबसे रियल लाइफ जोकर भारत में ही क्यों हैं ?? " वीडियो को ट्विटर और फ़ेसबुक पर तेजी से शेयर किया जा रहा है।
क्या दावा किया जा रहा है?
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस वीडयो के साथ ये दावा किया जा रहा है कि आप पार्टी लोगों को गुमराह करने के लिए झूठ-मूठ के दिव्यांग बना फर्जीवाड़ा कर रही है। वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन के जरिए ये बताने की कोशिश की गई है कि आप पार्टी ने नाटक करने वाले अभिनेताओं को बुला कर दिव्यांग दिखाने की कोशिश की है। सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ प्रसारित ये वीडियो काफी वायरल हो चुका है।
दावे की सच्चाई क्या है?
फैक्ट चेकिंग में ये वीडियो हमने सही पाया है लेकिन वीडियो आप के नेतृत्व वाले किसी भी अभियान का हिस्सा नहीं है। हालांकि कंबल प्राप्त करने वाला व्यक्ति फर्ज़ी नहीं है। वीडियो उत्तर प्रदेश का है जहां एक स्थानीय एनजीओ ने आंशिक और पूर्ण विकलांगता वाले लोगों को कंबल वितरित किए थे। कंबल वितरण अभियान डिजिटल साक्षरता संस्थान द्वारा किया गया था। ये अभियान दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने संचालित नहीं किया था।
वीडियो में पीछे बैनर पर 'डिजिटल साक्षरता संस्थान, कम्बल वितरण समरोह' लिखा हुआ है। इस कीवर्ड के साथ गूगल और यूट्यूब पर सर्च करने के बाद उत्तर प्रदेश स्थित एनजीओ का एक फ़ेसबुक पेज पाया। बिजनौर जिले के सिहोरा में गैर सरकारी संगठन 'साक्षरता संस्थान' रवि सैनी नामक व्यक्ति द्वारा संचालित है। सैनी ने वीडियो को सही बताया और राजनीति से किसी भी तरह के जुड़े होने की बात को गलत ठहराया।
सैनी ने कहा कि, वे एनजीओ चलाते हैं और किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े हैं। वहीं वीडियो में कंबल पाने वाला शख्स रमेश है जो आंशिक दिव्यांग है।
फर्जी नहीं है दिव्यांग शख्श
अब बात आती है कि व्हीलचेयर पर बैठे शख्स ने चलना कैसे शुरू किया। दरअसल दिव्यांग व्यक्ति रमेश सिंह ने बताया, "मैं 40 प्रतिशत लोकोमोटर विकलांगता से पीड़ित हूं और मेरे पास भारत सरकार की ओर से दिया गया प्रमाण पत्र भी है। उन्होंने बताया कि वे चल सकते हैं और एनजीओ के सदस्यों के कहने पर की वह कंबल वितरण अभियान के दिन व्हीलचेयर पर बैठे थे।
उन्होंने कहा, "मैं आंशिक विकलांग हूँ इसलिए चल सकता हूं। एनजीओ के सदस्यों ने व्हीलचेयर में बैठ कर कंबल प्राप्त करने के लिए कहा था। उन्होंने ऐसा क्यों कहा था, ये हमनें नहीं पूछा।" वहीं एनजीओ ने सभी प्राप्तकर्ताओं को व्हीलचेयर में बैठाकर कंबल बांटे थे। उनका कहना था कि, "वह लोग दिव्यांग हैं और उन्हें खड़े हो कर कंबल वितरित करना अच्छा नहीं दिखेगा इसलिए व्हीलचेयर पर बैठाया गया।।"
ये निकला निष्कर्ष-
अब सोशल मीडिया पर यूपी के इस वीडियो को लोग आम आदमी पार्टी से जोड़कर फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी द्वारा जादुई कंबल बाटें गए फर्जी मैसेज के साथ वीडियो राजनीतिक मंशा के साथ शेयर किया जा रहा है।