सार

कोरोना वायरस का लोगों में इतना डर पैदा हो गया है कि कुछ भी हो उसे लोग उससे ही जोड़ दिया जाता है। ऐसे में बीते दिनों सोशल मीडिया पर गंगा नदी में शव बहते हुए देखा गया। इनकी संख्या 71 के आस-पास थी। 

कोरोना वायरस का लोगों में इतना डर पैदा हो गया है कि कुछ भी हो उसे लोग उससे ही जोड़ दिया जाता है। ऐसे में बीते दिनों सोशल मीडिया पर गंगा नदी में शव बहते हुए देखा गया। इनकी संख्या 71 के आस-पास थी। ये फोटो बिहार के बक्सर की थीं। इन तस्वीरों को कोविड से जोड़ते हुए हाल फिलहाल की बताई जा रही हैं, जो कि गलत है। 2015 की फोटोज हैं...

सोशल मीडिया पर वायरल शवों की फोटोज साल 2015 की हैं। ये उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की हैं। बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि मंगलवार, 11 मई को बक्सर में गंगा नदी से कुल 71 शवों को निकाला गया था। जहां वो डिकंपोज्ड अवस्था में पाए गए थे। वहीं, कुछ बॉडिज गंगा नदी में ही उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पाई गईं। 

आम आदमी पार्टी के MP ने किया था दावा 

आम आदमी पार्टी के MP सुशील कुमार गुप्ता ने शवों की फोटोज फेसबुक पर शेयर करते हुए दावा किया था कि 'बिहार के बक्सर और बीरपुर एरिया में गंगा नदी में 500 के करीबन शव तैरते हुए देखे गए हैं, कई बॉडी तो कोरोना किट में बंद है। 30 किमी के करीबन एरिया में जमा हुए ये शव UP और बिहार दोनों सरकारों को संवेदनहीनता का जीता जागता उदाहरण है और सिस्टम पर बहुत बड़ा धब्बा है।'

सोशल मीडिया पर शेयर की गई एक और फोटो 

सोशल मीडिया पर गंगा में तैरते हुए शवों की एक और फोटो शेयर की गई। इसमें शवों के ऊपर कौवों और चील को उड़ते हुए देखा जा सकता है। फोटो को शेयर करने के साथ ही कैप्शन लिखा गया है, 'गंगा मैया में बहती उतर प्रदेश के शव बिहार के बक्सर जिला पहुंचा।' इसी के साथ ही फेसबुक और ट्विटर पर यूजर्स इसी कैप्शन के साथ फोटोज शेयर कर रहे हैं।