सार

रतन टाटा की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है। खासकर कुछ WhatsApp ग्रुप में। जो फोटो वायरल हो रही है उस पर लिखा है, "रतन टाटा साहब की ओर से बड़ी घोषणा: अब से टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज JNU के किसी स्टूडेंट को नौकरी नहीं देगा

नई दिल्ली। रतन टाटा की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है। खासकर कुछ WhatsApp ग्रुप में। जो फोटो वायरल हो रही है उस पर लिखा है, "रतन टाटा साहब की ओर से बड़ी घोषणा: अब से टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज JNU के किसी स्टूडेंट को नौकरी नहीं देगा।" 

क्या दावा किया जा रहा है? 

फोटो पर यह भी लिखा है, "जो लोग देश के लिए वफादार नहीं हो सकते हैं, हम उनसे कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे कंपनी के प्रति वफादार रहेंगे।"  रतन टाटा के नाम पर उनके फैसले की तारीफ करते हुए इस फोटो को सोशल मीडिया खासकर WhatsApp ग्रुप में शेयर किया जा रहा है। हालांकि फोटो के आधार पर जिस कहानी का दावा किया जा रहा है वो बिलकुल अलग है। 

 

दावे को खुद ऐसे कर सकते हैं चेक 

दरअसल, रतन टाटा की फोटो और उनके ग्रुप के नाम पर जो दावा किया जा रहा है वो JNU विवाद के बाद दो साल पहले यानी 2016 में भी वायरल हुआ था। इस पर तब बिजनेस वेब्ससाइट्स ने फ़ैक्ट चेक भी किया था। गूगल करने पर दावे की सच्चाई आसानी से पता लगाई जा सकती है। और वह सबूत भी नजर आएगा जिसमें बिलकुल साफ होता है कि दावा फर्जी और अफवाह भर है।  

निष्कर्ष क्या है? 

हमने जब गूगल किया तो इस बारे में टाटा ग्रुप की ओर से किया गया दो साल पुराना ट्वीट भी मिला जिसमें कहा गया है कि मिस्टर टाटा ने इस तरह का कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया है। 

JNU को लेकर टाटा के नाम पर वायरल किया जा रहा माइसे पूरी तरह से फर्जी है।