सार
वीडियो में मौजूद शख्स कहा रहा है कि, भारत में किसी भी मुस्लिम को कभी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा है और वे देश में सर्वोच्च पदों पर पहुंच गए हैं। “प्रधान मंत्री और गृह मंत्री कहते रहते हैं कि सीएए केवल घुसपैठियों के लिए है। विरोध करने वाले क्या वे चाहते हैं कि हम भारत से आने वाले सभी आतंकवादियों को नागरिकता दें? ”
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन बिल को लेकर देश के कुछ राज्यों में अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इसमें कुछ फिल्मी सितारों ने भी अपना विरोध दर्ज करवाया। इन फिल्मी सितारों में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह भी शामिल हैं। अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक शख्स को नसीरुद्दीन शाह का भाई बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि अभिनेता के भाई ने सीएए का समर्थन किया है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में बोलने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति का एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हुआ है कि वह अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के भाई रिजवान अहमद हैं।
वायरल वीडियो में क्या है?
वहीं फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर यही वीडियो हैदराबाद के वर्तमान निजाम, प्रिंस अज़मत जाह के रूप में शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इमाम ने सीएए का समर्थन किया है।
क्या दावा किया जा रहा है?
3 मिनट 24 सेकंड के वीडियो में, आदमी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, भारत में किसी भी मुस्लिम को कभी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा है और वे देश में सर्वोच्च पदों पर पहुंच गए हैं। “प्रधान मंत्री और गृह मंत्री कहते रहते हैं कि सीएए केवल घुसपैठियों के लिए है। विरोध करने वाले क्या वे चाहते हैं कि हम भारत से आने वाले सभी आतंकवादियों को नागरिकता दें? ”
फैक्ट चेकिंग
टाइम्स नाउ ने रिजवान अहमद को 20 दिसंबर, 2018 को प्रसारित एक पैनल डिस्कशन के लिए बुलाया था। इस शो में उन्हें नसीरुद्दीन शाह के चचेरे भाई के रूप में परिचय करवाया गया। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में जो शख्स दिख रहा है वो अहमद जैसा नहीं दिखता। दोनों की तस्वीरें देखने पर काफी अतंर नजर आ रहा है।
(नसीरुद्दीन शाह के भाई रिजवान अहमद की तस्वीर)
नसीरुद्दीन का भाई नहीं है ये शख्स
अब बात आती है कि फिर वायरल हो रहे वीडियो में शख्स कौन है? जी बिल्कुल ये शख्स विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेता आचार्य धर्मेंद्र हैं। वायरल हो रहा वीडियो यूथ मीडिया टीवी' का है जो 2 जनवरी, 2020 को पोस्ट किया गया था। जिसमें आईआईटी कानपुर में हुई नारेबाजी पर आचार्य धर्मेंद्र का बयान दर्ज किया गया था।
ये निकला निष्कर्ष-
2017 में, उन्हें नवंबर 2008 में एक नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए राजस्थान की अदालत ने एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। उसी साल धर्मेंद्र फिर से एक विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए कि पाकिस्तान पर एक परमाणु बम गिराया जाना चाहिए। फैक्ट चेकिंग में वायरल हो रहे दावे की हवा निकल चुकी है। वीएचपी नेता को खामखां नसीरुद्दीन शाह का भाई बताकर फर्जी दावों के साथ वीडियो वायरल किया जा रहा है।