वायरल तस्वीर में राहुल गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत कुछ अन्य नेताओं के साथ बैठे हैं। यूजर्स का कहना है कि राहुल गांधी के दफ्तर में एक मुगल शासक की तस्वीर लगी है। 

फैक्ट चेक डेस्क. Rahul Gandhi Fake News: पश्चिम बंगाल में पार्टी के चुनाव प्रचार में कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) काफी चर्चा में हैं। इस समय सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और वीडियोज छाए हुए हैं। कभी उनके पुशअप के वीडियो वायरल होते हैं तो कभी नदी में छलांग लगा देने की तस्वीरें। दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल की बहन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी असम में चुनावी महाौल के बीच आम लोगों के साथ चाय बागान में पत्तियां चुनती नजर आईं।

अब इधर सोशल मीडिया पर एक राहुल गांधी की एक तस्वीर जमकर शेयर की जा रही है। उस तस्वीर के पीछ दीवार पर लगी फोटो पर लोग ऐतराज जता रहे हैं। तस्वीर में राहुल गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत कुछ अन्य नेताओं के साथ बैठे हैं। उनके पीछे एक पेंटिंग लगी है। यूजर्स का कहना है कि राहुल गांधी के दफ्तर में एक मुगल शासक की तस्वीर लगी है। 

फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर मामला है क्या? 

वायरल पोस्ट क्या है? 

फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा, “काग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी के पीठ पीछे लगी फोटो मुगल शासक बाबर की है , अब आप समझे कॉन्ग्रेस राम मंदिर का विरोध क्यों करती थी।”

ट्विटर के साथ ही ये तस्वीर फ़ेसबुक पर भी वायरल है।

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फैक्ट चेक

तस्वीर की सच्चाई जानने हमने Google पर रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें राहुल गांधी की ये तस्वीर मिली। लेकिन इस असल तस्वीर में राहुल गांधी के पीछे किसी मुग़ल शासक की पेंटिंग नहीं, बल्कि महात्मा गांधी की तस्वीर है। 

राहुल गांधी की ये तस्वीर कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में पब्लिश हुई थी। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए नामांकन भर रहे थे। 4 दिसम्बर, 2017 को पब्लिश हुई द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में उनके नामांकन पर पार्टी सदस्यों और समर्थकों की प्रतिक्रिया के बारे में बताया गया।

ये निकला नतीजा 

राहुल गांधी की 4 साल पुरानी तस्वीर वायरल है जिसमें उनके पीछे एक कथित मुग़ल शासक की पेंटिंग लगी दिखाई दे रही है। असल में वहां महात्मा गांधी की तस्वीर थी जिसे एडिट किया किया गया। बहुत से मीडिया चैनल्स और वेबसाइट्स ने इस फेक न्यूज के दावे को 2018 में भी FACT CHECK किया था।