सार

बहुत सारे लोग इस बात को सच मान रहे हैं। यूजर ने यह दावा करने वाली एक पोस्ट पर कमेंट किया, “हमारे देश में रामायण पढ़ाना कब ​अनिवार्य होगा?” इसी तरह एक अन्य यूजर ने लिखा, “भारत कब जागेगा?”

फैक्ट चेक डेस्क. हाल ही में टोक्यो में आयोजित क्वाड सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी से मुलाकात कर भारत-जापान संबंधों पर चर्चा की। इस बीच सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है ​कि जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य कर दिया है।

फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है? 

वायरल पोस्ट क्या है? 

हरियाणा बीजेपी के आईटी व सोशल मीडिया हेड अरुण यादव ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर यह दावा करते हुए लिखा, “जापान ने माना रामायण पढ़ने से बुरा इंसान भी अच्छा इंसान बन जाता है। जापान ने अपने सभी स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य किया।” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है। 

 

 

बहुत सारे लोग इस बात को सच मान रहे हैं। यूजर ने यह दावा करने वाली एक पोस्ट पर कमेंट किया, “हमारे देश में रामायण पढ़ाना कब ​अनिवार्य होगा?” इसी तरह एक अन्य यूजर ने लिखा, “भारत कब जागेगा?”

 

 

फेसबुक और ट्विटर, दोनों ही जगह यह दावा वायरल हो रहा है। खबर लिखे जाने तक अरुण यादव के पोस्ट को तकरीबन 2500 लोग शेयर कर चुके थे।

फैक्ट चेक

हमें जापान की सरकारी वेबसाइट्स में ऐसी कोई सूचना नहीं मिली कि वहां के स्कूलों में रामायण पढ़ाना अनिवार्य किया जा रहा है। ‘द जापान टाइम्स’, ‘जापान टुडे’ और ‘टोक्यो शिम्बुन’ जैसे प्रमुख जापानी अखबारों की वेबसाइट्स में भी हमें इस तरह की कोई खबर नहीं मिली। भारतीय मीडिया में भी इससे जुड़ी कहीं कोई रिपोर्ट मौजूद नहीं है, जिससे इस दावे की पुष्टि होती हो।

हालांकि, यह सच है कि एशिया के कई देशों की तरह जापान में भी रामायण का काफी प्रभाव देखने को मिलता है। ‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, जापान में बौद्ध धर्म का प्रभाव बढ़ने के बाद रामायण को रामाएन्ना या रामाएनशो कहा जाने लगा था।

साल 1992 में जापानी निर्देशक युगो साको ने भारतीय एनिमेटर राम मोहन के साथ मिलकर भगवान राम के किरदार पर आधारित एक एनिमेटेड फिल्म भी निर्देशित की थी जो काफी चर्चा में रही थी।

ये निकला नतीजा 

हमने हरियाणा बीजेपी के आईटी व सोशल मीडिया हेड अरुण यादव से इस खबर का स्रोत जानने के लिए उनसे संपर्क किया, पर खबर लिखे जाने तक उन्होंने जवाब नहीं दिया था। उनका जवाब आने पर हम उसे खबर में अपडेट करेंगे।