खर मास 16 दिसंबर से, जानिए इस महीने के Dos और Don'ts
उज्जैन. इस बार 16 दिसंबर, बुधवार से खर मास शुरू होगा, जो 14 जनवरी तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में इसे मल मास और पुरुषोत्तम मास भी कहा गया है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। इस मास की मलमास की दृष्टि से जितनी निंदा है, पुरुषोत्तम मास की दृष्टि से उससे कहीं श्रेष्ठ महिमा भी है। धर्म ग्रंथों में खर मास से संबंधित अनेक नियम बताए गए हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
| Published : Dec 15 2020, 05:39 PM IST
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इस महीने में गेहूं, चावल, मूंग, जौ, तिल, मटर, बथुआ, शहतूत, ककड़ी, केला, घी, कटहल, आम, हर्रे, पीपल, जीरा, सौंठ, इमली, सुपारी, आंवला, सेंधा नमक नहीं खाना चाहिए।
इसके अलावा खर मास में मांस, शहद, चावल का मांड, चौलाई, उरद, प्याज, लहसुन, नागरमोथा, गाजर, मूली, राई, नशे की चीजें, दाल, तिल का तेल और दूषित अन्न का त्याग करना चाहिए।
तांबे के बर्तन में गाय का दूध, चमड़े में रखा हुआ पानी और केवल अपने लिए ही पकाया हुआ अन्न दूषित माना गया है। इसलिए इनका भी त्याग करना चाहिए।
पुरुषोत्तम मास में जमीन पर सोना, पत्तल पर भोजन करना, शाम को एक वक्त भोजन करना चाहिए।
रजस्वला स्त्री से दूर रहना और संस्कारहीन लोगों से संपर्क नहीं रखना चाहिए।
किसी से भी विवाद नहीं करना चाहिए।
देवता, वेद, ब्राह्मण, गुरु, गाय, साधु-सन्यांसी और स्त्री की निंदा नहीं करनी चाहिए।