जून 2021 में किस दिन, कौन-सा व्रत और त्योहार मनाया जाएगा, जानिए
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6 जून, रविवार को अपरा एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से समृद्धि और सुख बढ़ता है। इस व्रत से शादीशुदा महीलाओं का सौभाग्य भी बढ़ता है। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। विवाह शीघ्र होगा। गुरु संबंधित दोषों से मुक्ति मिलेगी।
7 जून, सोमवार को सोम प्रदोष का योग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव को जल चढ़ाकर पूजा और व्रत किया जाता है। सोम प्रदोष के प्रभाव से वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती है और सुख बढ़ता है। इस व्रत से रोगों से मुक्ति भी मिलती है। इस दिन वट वृक्ष की परिक्रमा और पूजन की जाएगी।
9 जून बुधवार को वट सावित्री व्रत किया जाएगा। इस दिन वट वृक्ष की पूजा और काली उड़द का दान करने से परेशानियां दूर होती हैं। इस व्रत के प्रभाव से पति की उम्र बढ़ती है।
10 जून, गुरुवार को स्नान दान अमावस्या और शनि जयंती मनाई जाएगी। इस दिन शनि मंदिर में तेल का दान करें। रोगों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही ऐसा करने से पारिवारिक सुख-समृद्धि बढ़ती है और परेशानियां दूर होती हैं।
13 जून, रविवार को रंभा तीज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन देवी पार्वती की विशेष पूजा और व्रत करने की परंपरा है। इस दिन व्रत और पूजा से हर तरह के कष्ट दूर होते हैं और महिलाओं की शारीरिक परेशानियां दूर होती है।
14 जून, सोमवार को विनायक चतुर्थी है। ज्येष्ठ महीने की इस चतुर्थी तिथि पर गणेश जी और चंद्रमा की पूजा करने से पति की उम्र बढ़ती है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार की परेशानियां भी दूर होती है।
19 जून, शनिवार को महेश नवमीं का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन शिवजी के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और परेशानियां दूर होती हैं।
20 जून, रविवार को गंगा दशहरा और गायत्री जयंती है। इस तिथि पर महिलाएं देवी गंगा की पूजा करती हैं। इस दिन व्रत और पूजा से तप, सौभाग्य और हर तरह का सुख बढ़ता है।
21 जून, सोमवार को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। निर्जला एकादशी व्रत से सौभाग्य और धन लाभ के साथ ही आरोग्य की प्राप्ति भी होती है।
24 जून, गुरुवार को वट सावित्री व्रत किया जाएगा। कई जगहों पर ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा पर वट सावित्रि व्रत की परंपरा है। इस व्रत को करने से पति की उम्र बढ़ती है और महिलाओं का सौभाग्य बढ़ता है।
27 जून, रविवार को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इस दिन आषाढ़ महीने की गणेश चतुर्थी है। इस व्रत में भगवान गणेश की पूजा के बाद रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने से सौभाग्य बढ़ता है। कष्टों से मुक्ति भी मिलती है।