- Home
- Religion
- Spiritual
- एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है महाकालेश्वर, यहां की जाने वाली भस्मारती है विश्व प्रसिद्ध
एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है महाकालेश्वर, यहां की जाने वाली भस्मारती है विश्व प्रसिद्ध
| Published : Feb 19 2020, 05:52 PM IST
एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है महाकालेश्वर, यहां की जाने वाली भस्मारती है विश्व प्रसिद्ध
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
16
भक्तों की रक्षा के लिए प्रकट हुए थे महाकाल: पुराणों के अनुसार, अवंतिका (उज्जैन) भगवान शिव को बहुत प्रिय था। यहां भगवान शिव के कई प्रिय भक्त रहते थे। एक समय अवंतिका नगरी में एक ब्राह्मण रहता था। उस ब्राह्मण के चार पुत्र थे। दूषण नाम का राक्षस ने अवंतिका में आतंक मचा दिया। वह राक्षस उस नगर के सभी वासियों को पीड़ा देना लगा। उस राक्षस के आतंक से बचने के लिए उस ब्राह्मण ने भगवान शिव की आराधना की। ब्राह्मण की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव धरती फाड़ कर महाकाल के रूप में प्रकट हुए और उस राक्षस का वध करके नगर की रक्षा की। नगर के सभी भक्तों ने भगवान शिव से उसी स्थान पर हमेशा रहने की प्रार्थना की। भक्तों के प्रार्थना करने पर भगवान शिव अवंतिका में ही महाकाल ज्योतिर्लिंग के रूप में वहीं स्थापित हो गए।
26
ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का तांत्रिक महत्व भी है।
36
यहां सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व प्रसिद्ध है। मान्यता है कि पहले यह आरती मुर्दे की राख से की जाती थी, लेकिन कालांतर में ये प्रथा बंद हो गई।
46
मंदिर के सबसे ऊपरी तल स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी पर खोला जाता है।
56
इस मंदिर के सभी शिखर स्वर्ण मंडित हैं यानी सभी शिखरों पर सोने की परत चढ़ी है।
66
मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।