शुक्र नीति: पुरुष को भूलकर भी इन 3 को किसी दूसरे के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु थे। शुक्राचार्य भगवान शिव के उपासक भी थे। शिवजी ने उन्होंने संजीवनी विद्या प्राप्त की थी। कुछ ग्रंथों में उन्हें शिवजी का पुत्र भी माना गया है। उनकी बनाई गई नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक है। शुक्राचार्य की नीति के अनुसार, पुरुष को अपनी पत्नी, पैसा और पुस्तकें कभी दूसरे व्यक्ति के हवाले नहीं करना चाहिए। जानिए इस नीति से जुड़ा लाइफ मैनेजमेंट…
| Published : Oct 13 2020, 10:38 AM IST
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1. अपना धन किसी को न दें
पैसों के मामले में किसी भी दूसरे व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए। धन के मामले में लोगों की नियत बदलने में देर नहीं लगती। इसलिए अपने हर लेन-देन का लेखा-जोखा अपने पास रखना चाहिए। दूसरे के सहारे धन होने पर आपका नुकसान ही होता है।
3. अपनी पुस्तकें किसी को न दें
शुक्राचार्य के अनुसार पुस्तक ज्ञान का स्रोत होता है और इसे दूसरों के हाथ में नहीं देना चाहिए। आप अपनी पुस्तक का जितना अच्छे से ख्याल रखेंगे कोई दूसरा इतना अच्छे से ख्याल नहीं रख सकता है। कई मामलों में आपको अपनी पुस्तक वापस नहीं मिलेगी और अगर मिल भी जाती है तो उसकी स्थिति पहले जैसी ठीक नहीं होगी। दूसरों को पुस्तक देने से उसकी क्षति की संभावना हमेशा बनी रहती है।
3. पत्नी को किसी के भरोसे ना छोड़ें
शुक्राचार्य के अनुसार भूलकर भी अपनी पत्नी को किसी दूसरे पुरुष पर आश्रित नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि परपुरुष ऐसी स्थिति का फायदा उठा सकता है और आपकी पत्नी को बहला-फुसलाकर या डर दिखाकर पथभ्रष्ट कर सकता है।