वैशाख मास में क्या करना चाहिए और कौन-से काम करने से बचना चाहिए?
उज्जैन. हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख 28 अप्रैल, बुधवार से शुरू हो चुका है, जो 26 मई तक रहेगा। स्कंद पुराण में वैशाख मास को सभी महीनों में उत्तम बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस महीने में सूर्योदय से पहले स्नान करता है और व्रत रखता है। वो कभी दरिद्र नहीं होता। उस पर भगवान की कृपा बनी रहती है और उसे सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। क्योंकि इस महीने के देवता भगवान विष्णु ही है। वैशाख महीने में जल दान का विशेष महत्व है। जानिए शुभ फल पाने के लिए इस महीने में क्या करना चाहिए और क्या नहीं…
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1. इस महीने में मांसाहार, शराब और अन्य हर तरह के नशे से दूर रहें।
2. वैशाख माह में शरीर पर तेल मालिश नहीं करवानी चाहिए।
3. दिन में नहीं सोना चाहिए
4. कांसे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए।
5. रात में भोजन नहीं करना चाहिए और पलंग पर नहीं सोना चाहिए।
1. वैशाख मास में जल दान का विशेष महत्व है। यदि संभव हो तो इन दिनों में प्याऊ लगवाएं या किसी प्याऊ में मटके का दान करें।
2. किसी जरुरतमंद व्यक्ति को पंखा, खरबूजा, अन्य फल, अन्न आदि का दान करना चाहिए।
3. मंदिरों में अन्न और भोजन दान करना चाहिए।
4. इस महीने में ब्रह्मचर्य का पालन और सात्विक भोजन करना चाहिए।
5. वैशाख महीने में पूजा और यज्ञ करने के साथ ही एक समय भोजन करना चाहिए।