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देश में इस वजह से होती हैं सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं, मोबाइल- रांग साइड की वजह से हुईं बड़ी संख्या में मौतें
ऑटो एंड बिजनेस डेस्क। देश में हर दिन सैकड़ों लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। आमतौर पर एक्सीडेंट ओवरटेक करने या फिर बेहद लापरवाही से वाहन चलाने के दौरान होते है। वहीं ड्राइविंग के दौरान नशा करना भी दुर्घटनाओं को आमंत्रण देता है। शराब पीकर गाड़ी चलाने और गलत साइड ड्राइविंग के कारण भारत में 2020 में किसी भी अन्य वर्ष की तुलना में अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, कोरोना महामारी के पहले वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भारी गिरावट देखी गई। लेकिन इस वर्ष जो एक्सीडेंट हुए हैं, उसमें ज्यादातर घटनाएं नशे में ड्राइविंग के दौरान हुईं हैं। देखें किस वजह से हुए सबसे ज्यादा एक्सीडेंट...
| Published : Feb 03 2022, 03:20 PM IST
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राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2020 के दौरान भारत में कुल 3,66,138 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। यह पिछले वर्ष दर्ज किए गए 4,37,396 सड़क दुर्घटनाओं के मामलों से काफी कम है।
मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि रेड लाइट को क्रॉस करने की वजह से 2,721 दुर्घटनाएं हुईं है। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल से भी 6,753 दुर्घटनाएं हुईं हैं। अन्य कारणों से कुल 62,738 दुर्घटनाएं हुईं हैं। साल 2019 में, ओवरस्पीडिंग के कारण सड़क दुर्घटनाओं में 67 प्रतिशत से अधिक लोगों की मौत हुई है।
साल 2020 में सड़क के रांग साइड पर गाड़ी चलाने से होने वाली दुर्घटना में कुल मौतों का 6 प्रतिशत शामिल है। मोबाइल फोन के उपयोग से होने वाली मौतों में 3.3 प्रतिशत मौतें हुईं। हमेशा ध्यान रखें कि गाड़ी चलाते समय पर फोन का इस्तेमाल न करें। गाड़ी सड़क किनारे रोककर फोन पर बात करने की आदत डालें।
शराब पीकर गाड़ी चलाने से मरने वालों में 3.5 फीसदी की हिस्सेदारी है। 2020 में शराब के नशे में वाहन चलाते पाए जाने वाले लोगों के लिए 56,204 चालान किए गए हैं। 2021 में ऐसे मामलों की संख्या बहुत कम है जब इसी तरह के उल्लंघन के लिए केवल 48,144 चालान जारी किए गए थे। शराब पीकर वाहन कभी न चलाएं। साथ ही ड्राइविंग के दौरान जल्दबाजी में न रहें और स्पीड का ख्याल रखें।
जहां तक ट्रैफिक उल्लंघन से जुर्माना वसूलने का सवाल है, उत्तर प्रदेश पिछले साल इसमें अग्रणी राज्य था। यूपी ने जुर्माने के रूप में ₹447 करोड़, हरियाणा ने ₹326 करोड़, राजस्थान ने ₹267 करोड़ और बिहार ने ₹258 करोड़ का जुर्माना वसूला है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) ने 2020-21 में ₹27,744 करोड़ की टोल फीस जुटाई है।। पिछले साल अप्रैल से दिसंबर तक का कलेक्शन 24,989 करोड़ रुपये रहा है।