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Tesla के लिए भारत सरकार करेगी इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी ! Elon Musk की कंपनी को बस करना होगा ये काम
ऑटो एंड बिजनेस डेस्क। टेस्ला को केंद्र सरकार ने भारत में व्यापार करने के लिए नया ऑफर दिया है। सरकार चाहती है कि इलेक्ट्रिक कार प्रमुख टेस्ला कंपनी देश में आयात कर में कटौती चाहती है तो पहले वह 500 मिलियन डॉलर मूल्य के स्थानीय ऑटो पार्टस खरीदने का समझौता करे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि टेस्ला को यह ऑफर भी दिया गया है कि वह कम बेस प्राइज पर स्थानीय ऑटो पार्ट्स की खरीद शुरू कर सकती है। देखें इस पर टेस्ला का क्या रुख है...
| Published : Feb 16 2022, 10:18 PM IST
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भारत में EV movement लगातार तेज गति पकड़ रही है। मर्सिडीज-बेंज, ऑडी, जगुआर लैंड रोवर और बीएमडब्ल्यू (Mercedes-Benz, Audi, Jaguar Land Rover and BMW)जैसी लग्जरी कार निर्माता अपने उत्पाद लेकर लाए हैं, जबकि टाटा मोटर्स, हुंडई और एमजी मोटर इंडिया (Tata Motors, Hyundai and MG Motor India) जैसी कंपनियां बड़े पैमाने पर विकल्प उपलब्ध करा रही हैं। लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी ईवी कंपनी टेस्ला अब भी इंडिया में एंट्री के लिए अपनी शर्तों पर अड़ी है।
वहीं अब मोदी सरकार ने टेस्ला को नया ऑफर दिया है। केंद्र की मंशा के मुताबिक टेस्ला को भारतीय पुर्जों की खरीद में लगभग 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए सहमत होने की जरुरत है। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत सरकार ने औपचारिक रूप से टेस्ला को घरेलू सोर्सिंग बढ़ाने के लिए कहा है। हालांकि, टेस्ला ने अभी तक इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि टेस्ला ने इससे पहले अगस्त 2021 में दावा किया था कि उसने अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारत से लगभग 100 मिलियन डॉलर मूल्य के ऑटो पार्ट्स मंगवाए हैं। वहीं अब सरकार ने एक बार फिर गेंद टेस्ला के पाले में डाल दी है।
भारतीय ऑटो बाजार में एंट्री के लिए बेताब यूएस-आधारित इलेक्ट्रिक कार निर्माता इम्पोर्ट ड्यूटी की उच्च दर के कारण व्यापार करने में अड़चनों का सामना कर रही है। इसके मालिक एलन मस्क कई बार सार्वजनिक मंचों पर कह चुके हैं कि उनका भारत सरकार से आयात शुल्क को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
ऑटोमेकर की योजना पहले अपनी इलेक्ट्रिक कारों को पूरी तरह से निर्मित इकाई (सीबीयू) मॉडल के रूप में आयात करने की है। हालांकि, उच्च इम्पोर्ट ड्यूटी दर के कारण सीबीयू टेस्ला कारों की कीमत काफी अधिक होगी। टेस्ला सरकार से टैक्स में कटौती की मांग कर रही है, जबकि भारत सरकार टैक्स कम करने के वजाए, टेस्ला को भारत में प्लांट लगाने के लिए कह रही है।
भारत सरकार चाहती है कि टेस्ला यहां एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करे और भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन करे। हालांकि, ऑटोमेकर पहले स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को चुनने से पहले यहां अपनी कारों की डिमांड को लेकर प्रयोग करना चाहती है।
यही वजह है कि टेस्ला के भारत में एंट्री पर एलन मस्क और भारत सरकार के बीच गतिरोध पैदा कर दिया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क पहले ही भारत में टैक्स की ऊंची दर पर अपनी राय जता चुके हैं। ऐसे में भारत सरकार का दावा है कि टेस्ला को इंपोर्ट टैक्स में कटौती की शर्त दी गई है। उसके लिए, कार निर्माता को भारत में निर्मित ऑटो पार्टस का स्रोत बनाना होगा।