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Round up 2021: ऑटो सेक्टर में हुई बदलाव की आहट, ईवी को रियायत, स्क्रेप पॉलिसी सहित कई सुधारों का ऐलान
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भारत में ही बनेगी ईवी वाहनों की बैटरी
भारत में लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों के तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। सरकार देश में जल्द से जल्द पेट्रोल- और डीजल पर निर्भरता कम करना चाहती है। इसके लिए ईवी वाहनों को प्रमोट किया जा रहा है। वहीं ई-वाहनों को मध्यम वर्ग की रेंज में लाने के लिए कई प्रदेश सरकारों ने सब्सिडी की घोषणा भी की है। वहीं इन वाहनों में लगने वाली महंगी बैटरी को अब भारत में ही बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने कदम बढ़ाए हैं।
नीति आयोग की मानें तो आने वाले कुछ सालों में लिथियम आयन बैटरी का निर्माण भारत में भी शुरू हो जाएगा। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ( NITI Aayog CEO Amitabh Kant) ने इस संबंध को कहा कि इम्पोर्ट घटाने के लिए विभिन्न देशों के साथ लिथियम बैटरी के लिए एग्रीमेंट किए जा रहे हैं।
विभिन्न देशों के साथ एग्रीमेंट
सीईओ अमिताभ कांत की दी गई जानकारी के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) अर्जेंटिना, चिली, ऑस्ट्रेलिया और बोलिविया (Argentina, Chile, Australia and Bolivia) में लिथियम और कोबाल्ट की खदानों के लिए चर्चा चल रही है। इन देशों में लिथियम का बड़ा भंडार है। वहीं शहरी mining पर भी तेज गति से कार्य प्रगति पर है। यहां रिसाइकिलिंग के जरिए लिथियम का प्रोडक्शन किया जाएगा। इससे नए रसायन के इस्तेमाल में कमी आएगी। इस तकनीक से भी इम्पोर्ट घटाने में मदद मिलेगी।
पीएलआई योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल सेमीकंडक्टर फैब्रिकेटर और डिस्प्ले निर्माताओं की मदद के लिए 76,000 करोड़ रुपये की incentive plan को मंजूरी दी है, इससे भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन केंद्र (global electronics production hub) बनाने के प्रयास को मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि semiconductors and display manufacturing का प्रोडक्शन हब करने के लिए एक project को मंजूरी दी गई है, इस परियोजना पर 6 वर्षों में 76,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
सेमीकंडक्टर चिप का होगा निर्माण
वहीं दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि निर्णय से माइक्रोचिप्स के डिजाइन, निर्माण, पैकिंग और परीक्षण में मदद मिलेगी और एक complete ecosystem विकसित होगा। एक सरकारी सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि इज़राइल के टॉवर सेमीकंडक्टर, ऐप्पल के अनुबंध निर्माता फॉक्सकॉन और सिंगापुर स्थित कंसोर्टियम सहित फर्मों ने भारत में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट्स स्थापित करने में रुचि दिखाई है, जबकि Vedanta Group भी इंडिया में एक डिस्प्ले फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने का इच्छुक है।
ईवी वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन
भारत में सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस माफ करने जैसी कई योजनाएं चलाई हैं। 2021 में ई व्हीकल्स की बिक्री भी बढ़ी, लेकिन इनके लिए चार्जिंग स्टेशन का काम बहुत धीमा है। स्मार्ट सिटीज में चार्जिंग स्टेशन्स की व्यवस्था की गई है, लेकिन अभी ज्यादातर जगह ये चालू नहीं हैं। चार्जिंग पॉइंट्स को देखें तो सिर्फ भारत नहीं, कई देश हैं, जो यह सुविधा देने में काफी पीछे हैं। काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (CEEW) के 2021 के आंकड़ों को देखें तो देश में इस समय कुल 934 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाए हैं। इनमें भी कुल 167 चार्जिंग स्टेशन तेजी से चार्ज करने वाले हैं, जो कि कुल स्टेशनों का 29. 2 फीसदी है।
देश में दिसंबर 2021 तक 8.70 लाख ई व्हीकल्स रजिस्टर हो चुके हैं। हालांकि, इनमें कारों की संख्या अभी भी बहुत कम है। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग की इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी ईवीआरई (EVRE) ने अगले दो साल में देश भर में 10,000 चार्जिंग स्टेशन लगाने का टारगेट रखा है। उसने इसके लिए स्मार्ट पार्किंग सॉल्यूशन ब्रांड पार्क प्लस (Park+) के साथ करार किया है। इस लॉन्ग टर्म पार्टनरशिप में ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स और अन्य वाहनों के लिए स्मार्ट चार्जिंग और पार्किंग सेंटर बनाना है। स्मार्ट सिटीज भी अपने पोल्स में ई व्हीकल चार्जिंग की व्यवस्था कर रहे हैं।
दिल्ली में नहीं चलेंगे 10 साल पुराने वाहन
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वाहन चालकों को बड़ा झटका लगा है। केजरीवाल सरकार 10 साल से पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने जा रही है। शासन निर्देशानुसार साल 2022 की पहली तारीख को यानि 1 जनवरी को 10 साल पूरे करने वाले सभी डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। हालांकि सरकार ने वाहन चालकों को फौरी तौर पर राहत भी दी है, पंजीकरण रद्द किए जाने वाले वाहनों को NOC जारी किया जाएगा इसके जरिए वाहन चालक अपने वाहन को राज्यों में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। वहीं Delhi Transport Department ने ये भी स्पष्ट किया है कि 15 साल या उससे अधिक पुराने डीजल वाहनों को किसी तरह की एनओसी जारी नहीं की जाएगी।
दिल्ली की सरकार देगी सब्सिडी
नवंबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने अहम ऐलान किया था। इसके मुताबिक अब इलेक्ट्रिक इंजन के साथ डीजल गाड़ी को दस साल से भी ज्यादा समय तक चलाया जा सकता है। मंत्री कैलाश गहलोत ने इस संबंध में परिवहन विभाग ( transport Department ) को निर्देश जारी किए थे। यानी आपको गाड़ी बेचने या स्क्रैप में देने की जरूरत नहीं है। डीजल कार को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने पर जो खर्च आएगा दिल्ली सरकार उस पर सब्सिडी भी देगी। फिलहाल दिल्ली सरकार ने ये साफ नहीं किया है कि डीजल कार को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने के लिए वो कितनी सब्सिडी देगी। दिल्ली सरकार इसे लेकर प्लान तैयार कर रही है। इस काम में 4 से 5 लाख रुपए तक का खर्च आ जाता है, लेकिन जब इस काम को कई कंपनियां करने लगेंगी तब लागत घट सकती है।
सड़क की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी ऐप पर
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Union Ministry of Road Transport and Highways) ने देश की सड़कों पर सुरक्षित आवागमन के लिए नई टेक्नालॉजी पर काम करना शुरु कर दिया है। मंत्रालय ने वाहन चालकों की सुरक्षा और रोड सेफ्टी टेक्नालॉजी डेवलप करने के लिए आईआईटी मद्रास (IIT Madras) और डिजिटल टेक कंपनी मैपमाईइंडिया (Digital Tech Company Mapmyindia) के साथ एग्रीमेंट किया है। सरकार के साथ मिलकर दोनों संस्थानों ने एख नेविगेशन एप लॉन्च किया है। ये ऐप सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों के साथ अन्य राहगीरों को हादसों केसंबंध में रोड सेफ्टी अलर्ट देगी। इस ऐप को मूव (MOVE) नाम ले लॉन्च किया गया है।
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