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पत्नी को 3 बार चुनाव जिताने की कोशिश में नाकाम हुआ शहाबुद्दीन, कॉलेज में जिसे पीटा था 2 बार उसी से मिली हार
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इससे पहले हीना शहाब पति की गैर मौजूदगी में कई चुनाव लड़ चुकी हैं। तीन बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ी, लेकिर अपराध पर टिके जनाधार के खत्म हो जाने की वजह से हर बार नाकामयाबी मिली। दो बार तो उसे शख्स के आगे नाकामयाबी मिली जिसे शहाबुद्दीन ने कॉलेज के दिनों में सरेआम पीटा था।
शहाबुद्दीन कॉलेज के दिनों में ही हीना शहाब पर फिदा हो गया था। बहुत कम लोगों को इस बारे में पता होगा कि हीना शहाब अपने कॉलेज की एकमात्र ऐसी स्टूडेंट थीं जो हमेशा पर्दे में पढ़ने आती थीं। वो बुर्के में ही क्लासरूम में दाखिल होती थीं। कॉलेज के लोग उनका चेहरा भी नहीं देख पाते थे। शाहबुद्दीन, हीना शहाब की इस आदत पर फिदा हो गया था।
तेजाब कांड में 2007 में कोर्ट ने शहाबुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा दी। 2009 में निर्वाचन आयोग ने शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दिया। इसके बाद शहाबुद्दीन पत्नी हीना शहाब के जरिए अपना राजनीतिक रसूख बनाए रखने के लिए छटपटा रहा है। लेकिन आरजेडी ने हीना शहाब को लगातार टिकट दिया पर वो कभी चुनाव नहीं जीत पाई।
राजद ने 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब को सीवान से टिकट दिया था। लेकिन, वह निर्दल चुनाव लड़ रहे ओमप्रकाश यादव से करीब 60 हजार वोटों से हार गई।
2014 में बीजेपी उम्मीदवार के रूप में एक बार फिर ओमप्रकाश यादव ने हीना शहाब को एक लाख से ज्यादा मतों से हरा दिया था। ये वही ओमप्रकाश यादव हैं जिन्हें कभी शहाबुद्दीन ने अपने खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए सरेआम पीटा था।