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सजायाफ्ता कैदी नंबर 3351; चर्चा में लालू फैमिली पर बना पोस्टर, तेजस्वी-तेज के साथ बेटी मीसा पर भी निशाना
पटना। बिहार में अभी विधानसभा चुनाव (Bihar Election) के लिए तारीखों का ऐलान तो नहीं हुआ है, मगर सत्ता और विपक्ष एक-दूसरे पर अभी से तीखे और निजी हमले करते नजर आ रहे हैं। फिलहाल ये हमले पोस्टर के जरिए भी किए जा रहे हैं। पिछले दिनों जीतनराम मांझी (Jeetanram Manjhi) की पार्टी के पोस्टर में रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) के निधन को लेकर लालू परिवार पर आरोप मढ़े गए थे। अब एक और गुमनाम पोस्टर राज्य में राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है। पोस्टर को देखकर यह नहीं समझ आ रहा कि इसे किस पार्टी ने लगवाया है, मगर ये साफ है कि इसमें भ्रष्टाचार और वंशवाद को लेकर लालू के कुनबे पर आरोप लगाए गए हैं। पोस्टर में लालू फैमिली को बिहार पर भार बताया गया है।
| Published : Sep 19 2020, 04:49 PM IST
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ये पोस्टर पटना के अलग-अलग चौराहों पर लगा हुआ है। इसमें आरजेडी (RJD) चीफ लालू को सजायाफ्ता कैदी नंबर 3351 के रूप में जेल में बंद दिखाया गया है। बड़े अक्षरों में स्लोगन लिखा है- "एक ऐसा परिवार, जो बिहार पर भार।" पोस्टर में लालू (Lalu Yadav) के साथ उनके परिवार के चार और लोग हैं। पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabari Devi), सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती (Misa Bharati), दोनों बेटे तेजस्वी (Tejaswi Yadav) और तेजप्रताप (Tejpratap Yadav) हैं।
पोस्टर में वंशवाद के आरोप को लेकर यह दिखाने की कोशिश की गई है कि लालू यादव तो जेल के अंदर हैं, लेकिन उनके दोनों बेटे विधायक, पत्नी एमएलसी और बेटी राज्यसभा सांसद हैं। (फोटो: पत्नी के साथ आरजेडी चीफ)
पोस्टर देखकर ये साफ नहीं है कि इसे किस पार्टी या गठबंधन ने बनाया है, लेकिन इस पर जेडीयू (JDU) की प्रतिक्रिया आई है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार में सूचना और जनसम्पर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने कहा कि जो भी बातें लिखी गई हैं या दिखाया गया है वो सच्चाई है। उन्होंने यहां तक कहा कि लालू परिवार बिहार पर ही भार नहीं हैं बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड (Jharkhand) पर भी भार हैं।
उधर, आरजेडी ने इस तरह के पोस्टर पर नाराजगी जताई है। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू ने बिहार और गरीबों-पिछड़ों के लिए क्या किया है यह लोगों को बताने की जरूरत नहीं है। असल में पोस्टर के जरिए लालू परिवार पर आरोप लगाने वालों ने ही बिहार का बंटाधार किया है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ऐसे बेनामी पोस्टरों के जरिए विरोधियों पर हमले और बढ़ सकते हैं। अभी तो चुनावों की घोषणा तक नहीं हुई है लेकिन शुरुआत काफी पहले हो चुकी है। इससे पहले पटना में ही लगे हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (Hindustani Awami Morcha) के पोस्टरों ने भी लोगों का ध्यान खींचा था।
(फोटो सोशल मीडिया से साभार)
हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के पोस्टर में तेजप्रताप के रघुवंश की श्रद्धांजलि सभा में न जाने को लेकर सवाल उठाए गए थे। लालू परिवार को रघुवंश की मौत का जिम्मेदार बताते हुए यह कहा गया था कि लालू के बेटों में संस्कार नहीं है।