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रघुवंश प्रसाद की शवयात्रा, सिर्फ पॉकेट काटने पटना से वैशाली आए थे उचक्के; पकड़े गए फिर...
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ये गैंग लोकप्रिय नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की अंतिम यात्रा में सिर्फ इसलिए पटना (Patna) से वैशाली (Vaishali) आई थी कि भारी भीड़ का फायदा उठाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जेबें काटी जा सके। शवयात्रा के दौरान मोबाइल और पर्स गायब होने की कई घटनाएं हुई हैं।
हालांकि रघुवंश बाबू की शवयात्रा में सुरक्षा और पुलिस बल का इंतजाम किया गया था। लेकिन उचक्कों की वजह से कई लोगों की जेबें कटी। हालांकि पुलिस (Bihar Police) की सक्रियता से भीड़ के बीच से ही 7 शातिर उचक्कों को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
गिरफ्तार उचक्कों को जेल भेज दिया गया है। जेल भेजने से पहले गैंग में शामिल उचक्कों का कोरोना टेस्ट कराया गया। हाजीपुर सदर अस्पताल में टेस्ट के दौरान एक शातिर उचक्का पुलिस को चकमा देकर भाग गया। पुलिस भगोड़े की तलाश में है। पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी पटना के शातिर उचक्के थे।
बताते चलें कि दिल्ली में रघुवंश प्रसाद सिंह का इलाज चल रहा था। वो एम्स (AIIMS) में भर्ती थे। लेकिन 13 सितंबर को उनकी ज्यादा तबियत खराब हुई और निधन हो गया। निधन से पहले रघुवंश बाबू ने अस्पताल से ही लालू यादव को इस्तीफा भेजा था। बाद में लालू (Lalu Yadav) और नीतीश (CM Nitish Kumar) को लिखी उनकी चिट्ठी भी सामने आई।
लालू को लिखी चिट्ठी में रघुवंश ने उनपर परिवारवाद का आरोप लगाया। हालांकि लालू ने रघुवंश के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया था। निधन से पहले कहा जा रहा था कि रघुवंश प्रसाद पार्टी में बदलाव को लेकर नाराज थे। वो रामा सिंह (Rama Singh) जैसे नेताओं के आरजेडी (RJD) में शामिल होने का भी विरोध कर रहे थे। रघुवंश प्रसाद मूल रूप से वैशाली के ही हैं और लोकसभा में भी इसी निर्वाचन क्षेत्र से काफी समय तक प्रतिनिधित्व करते रहे।