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- बिहार में आगे बाराती, पीछे बैंड-बाजा... घोडे़ पर सवार झूमती निकली एयर होस्टेस दुल्हन, देखें खूबसूरत तस्वीरें
बिहार में आगे बाराती, पीछे बैंड-बाजा... घोडे़ पर सवार झूमती निकली एयर होस्टेस दुल्हन, देखें खूबसूरत तस्वीरें
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दूल्हे की जगह दुल्हन घोडे़ पर सवार होकर बारात लेकर निकली। एयर होस्टेस दुल्हन घोड़े पर झूमती-गाती आगे-आगे चल रही थी और दूल्हा पीछे कार पर। बारात में शामिल महिलाएं भी झूमकर नाच रही थीं। इस नायाब लम्हे को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। देखते-देखते यह बारात में शहर में चर्चा का विषय बन गई।
बैंड-बाजे की धुन पर बारात के साथ ही दुल्हन भी झूमती रही। दुल्हन होटल में ठहरे दुल्हा के पास पहुंची। यहां दूल्हा सजी-धजी कार में सवार हो गया। एक बार फिर रंग-बिरंगी रोशनी और बैंड-बाजों की शोर और बारात के बीच घोड़े पर सवार दुल्हन विवाह स्थल सिजुआर स्थल के निकल पकड़ी।
बारात जिस सड़क से गुजरी, वहां दोनों ओर लोग सिर्फ लड़की को देखने को बेताब दिखे। हर कोई दुल्हन की हिम्मत और हौसले की तारीफ करता देखा गया। बारात में सफेद घोड़े पर क्रीम कलर की लहंगा पहने बेहद खूबसूरत दिख रही दुल्हन ने मीडियाकर्मियों से भी बात की।
दुल्हन का कहना था कि मैं होने वाली पति को लाने के लिए घोड़े पर निकली हूं। सिर्फ लड़के ही क्यों बारात लेकर निकले, लड़की क्यों नहीं। लड़कियों को लड़के की बराबरी में लाने के लिए इस तरह की मुहिम की जरूरत है। दुल्हन ने कहा कि होने वाले पति जीत मुखर्जी ने भी बारात निकालने की इजाजत दी, धन्यवाद उनका। होने वाले पति को बोली हूं कि मैं आपके लेने आ रही हूं। लेकिन, घोड़े की बात नहीं कही।
गया के चांद चौरा इलाके की रहने वाली अनुष्का गुहा की शादी कोलकाता के रहने वाले जीत मुखर्जी से हुई है। शादी के सभी विधि-विधान सिजुआर स्टेट की धर्मशाला में हो रहे हैं। शाम ढलते ही सिजुआर स्टेट भवन से कुछ दूरी पर दुल्हन को घोड़ी पर बिठाया गया और वो बारात बैंड-बाजे के साथ निकल गई।
करीब आधा किलोमीटर की दूरी तय करते हुए बारात एक होटल के पास पहुंची। वहां लड़की पक्ष का लड़का पक्ष की ओर से खुशी के साथ स्वागत किया गया। दोनों पक्षों ने जमकर डांस किया।
दुल्हन की मां सुष्मिता बोस शहर के बड़े निजी स्कूल नाजरेथ एकेडमी की म्यूजिक टीचर हैं। उन्होंने कहा कि अनुष्का बचपन से कहती थी कि आखिर क्यों लड़का ही बारात लेकर लड़की के घर जाता है। लड़की बारात लेकर क्यों नहीं जाती है।
सुष्मिता कहती हैं कि बेटी के इस सवाल का हम जवाब देते थे, लेकिन वह संतुष्ट नहीं होती थी। कहती थी कि जब मेरी शादी होगी तो हम बारात लेकर लड़के के घर जाएंगे। अब जब समय आया तो बेटी ने ऐसा कर दिखाया।
लड़के के पिता ने कहा कि समानता और हकदारी की बात जब होती है, तो लड़की को भी बारात लेकर जाने की छूट दी जानी चाहिए। हमने अपनी बहू को यह दिया और बहू बारात लेकर पहुंची। उसके बाद सभी ने खुशी-खुशी बारात का स्वागत भी किया।