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बिहार की पॉलिटिक्स का पावर सेंटर बने मुकेश सहनी आखिर कैसे खा गए गच्चा, जानिए अर्श से फर्श तक पहुंचने की कहानी
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सेल्समैन बनकर बेचा कॉस्मेटिक सामान
मुकेश सहनी का जन्म दरभंगा के सुपौल बाजार में हुआ था। 19 साल की उम्र में घर छोड़कर सहनी मायानगरी मुंबई (Mumbai) पहुंच गए। वहां उन्होंने कॉस्मेटिक की एक दुकान पर सेल्समैन का काम शुरू किया। इसके बाद जब मन नहीं लगा तो नौकरी की तलाश में बॉलीवुड तक पहुंच गए और बतौर सेट डिजाइनर काम करने लगे।
मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड खोली
सेट डिजाइनर के तौर पर उन्हें पहली बार पहचान मिली देवदास के सेट पर। उनके डिजाइन की खूब तारीफ हुई। यहीं से उनके करियर को मानो बूस्टर डोज मिल गया। उन्होंने अपनी कंपनी मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड खोला। यहां उन्होंने पैसे और नाम दोनों कमाए।
पैसों के दम पर सियासत में एंट्री
मुकेश सहनी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पैसों के दम पर बिहार की पॉलिटिक्स में एंट्री ली। साल 2013 में उन्होंने 'सन ऑफ मल्लाह- मुकेश सहनी' नाम से अखबारों में विज्ञापन दिया। उसके बाद विज्ञापन के जरिए ही उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी शेयर किया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनके फॉलोवर्स की मानों बाढ़ सी आ गई और उनका कद बढ़ने लगा।
साल 2014 में बीजेपी को समर्थन
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मुकेश सहनी ने भाजपा को समर्थन दिया। बाद में अलग हो गए। 2019 के लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ महीने पहले ही नवंबर 2018 में अपनी अलग पार्टी VIP यानी विकासशील इंसान पार्टी की घोषणा की।
मंत्री बने लेकिन सहयोगी दलों के खिलाफ मुखर रहे
साल 2020 में बिहार चुनाव से पहले वे महागठबंधन में थे लेकिन सीट बंटवारे में बात न बनने के बाद NDA का दामन थाम लिया। उनकी पार्टी को 11 सीट मिली, चार विधायक जीते भी लेकिन खुद सहनी सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव हार गए। बावजूद इसके उन्हें मंत्री बनाया गया लेकिन वे लगातार बीजेपी और सहयोगी दलों पर हमलावर रहे।
फर्श से अर्श पर पहुंचे
लंबे समय से उनकी और बीजेपी की खींचतान चल रही थी। इसके बाद बुधवार को मुकेश सहनी बोचहां में अपनी उम्मीदवार के नामांकन में गए थे उसी वक्त बीजेपी ने पासा पलट दिया और VIP के तीनों विधायकों को अपने पाले में लेकर सहनी को सियासत में अकेला कर दिया। अब उनका मंत्री पद भी जाना लगभग तय है।
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