बिहार के इस गांव से आज तक थाने नहीं पहुंचा एक भी केस, DGP ने पीसी चक्की; जानिए वजह
- FB
- TW
- Linkdin
डीजीपी रविवार देर रात बेतिया पहुंचे। यहां वे सर्किट हाउस में ठहरे थे। सुबह में टहलने के दौरान उन्हें कटराव गांव के बारे में जानकारी मिल। बस क्या था अकेले ही गांव पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की। गांव में घुमे और माहौल जाना। खेती-बारी के बारे में लोगों से जानकारी ली। आधा घंटे के दौरे में डीजीपी गांव की व्यवस्था देखकर आश्चर्य जताया।
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने गांव के बाइक मिस्त्री गुड्डू महतो व किसान नितेश महतो से पूछा झगड़ा तो होता ही होगा आप लोगों के बीच, फिर भी कोई केस नहीं, ऐसा क्यों। दोनों ने बताया कि वे लोग किसी भी झगड़े या विवाद का हल मिल-बैठकर निकालते हैं। पुरुषों के मामले पुरुष व महिलाओं के मामले महिलाएं सुलझाती हैं।
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, हरिनारायण महतो की पत्नी चंपा देवी के मिट्टी के घर का मुआयना किया। कहा कि मिट्टी का होते हुए घर बहुत साफ-सुथरा है। इसी स्वच्छता से बीमारी दूर रहेगी। इसके बाद उन्होंने जाता (घरेलू चक्की) देखी। इस पर हाथ भी आजमाया।
डीजीपी हरिनायण महतो के घर से बाहर जा ही रहे थे कि चंपा देवी ने कहा साहब जलपान नहीं कीजिएगा। डीजीपी ने पूछा क्या बनाई हैं? चंपा ने जवाब दिया रोटी बनाएं हैं।
डीजीपी ने कहा एक रोटी-नमक-और मिर्ची ले आइए। बड़े चाव से डीजीपी ने रोटी खाई कहा कि बचपन की यादें ताजा हो गई। आज के खाने में इस रोटी-नमक-मिर्च जैसा स्वाद कहां है? इसके बाद नौ बजे डीजीपी बेतिया लौट गए।
डीजीपी ने कहा कि देशभर के गांवों से इन लोगों से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कटराव की धरती को प्रणाम किया। लोगों को मास्क लगाए व सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते देख डीजीपी गदगद हो गए। लोगों से इसे मेंटेन रखने की अपील की।