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पीएनबी डकैती कांड के मास्टर माइंड निकले टीचर, लूट के रुपयों से खरीदी शराब, ऐसे दिया था वारदात को अंजाम
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पुलिस के अनुसार बैंक डकैती में कहीं फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया था। घटना के दिन सुबह नौ बजे गांधी मैदान के पास मिले। यहां से सभी बोरिंग रोड स्थित प्रफुल्ल के क्लिनिक पर गए थे। वहां से अनीसाबाद स्थित माणिकचंद तालाब आ गए जहां सभी को हथियार दिया गया। डकैती के बाद सभी तीन दिशा में चले गए थे।
एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि 60 से अधिक कैमरे खंगाले। बेउर मोड़, बस स्टैंड, बोरिंग रोड सहित 5-6 जगहों पर पुलिस को लाल-काली मिक्स पल्सर और सीडी डीलक्स बाइक दिखी। यहीं से पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने दोनों का पीछा किया, तब वह अमन तक पहुंची। पुलिस से बचने के लिए ही अमन ने किसी भी सोशल मीडिया पर अपना प्रोफाइल नहीं बनाया।
पुलिस के मुताबिक अमन शुक्ला और हरिनारायण काफी शातिर हैं। इन दोनों ने गैंग में ऐसे लोगों को रखा, जिनका कोई पुलिस रिकॉर्ड न हो। हालांकि पकड़े गए लोगों के पास से 33.13 लाख कैश बरामद किए हैं। साथ ही 6 लाख की ज्वेलरी, एक लाख की शराब, 5 पिस्टल, 16 राउंड जिंदा कारतूस और घटना में इस्तेमाल तीनों बाइक बरामद किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में गैंग सरगना अमन शुक्ला जक्कनपुर की बैंक कलोनी, हरिनारायण आरके नगर, कंपाउंडर प्रफुल्ल आनंदपुरी, सेंटरिंग मिस्त्री सोनेलाल गोसाईं टोला, और गणेश बुद्धा कॉलोनी का रहने वाला है।
एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि पुलिस टीम 27 जून को इस नतीजे पर पहुंच गई थी कि घटना में अमन शामिल है। पुलिस को अमन के घर से 23 लाख, हथियार और 3 बाइक मिली। लूट की रकम में 25 लाख रुपए अमन रखे थे। 23 लाख उसके यहां से बरामद हुए। दो लाख उसने खर्च कर दिए। उसे नए फ्लैट में शिफ्ट करना था।
प्रफुल्ल के हिस्से दो लाख आया था, जिसमें से एक लाख की उसने शराब खरीदी थी और 50 हजार उसके पास से बरामद हुए। गणेश ने एक लाख खर्च कर दिए और उसके पास से एक लाख बरामद हुए। सोनेलाल को चार लाख मिले जिसमें उसने एक लाख अपनी बहन को कर्ज दिया था। सोनेलाल ने सीढ़ी के नीचे पैसे छिपाकर रखा था।
हरिनारायण के पास से तीन लाख मिले। बाकी 10 लाख फरार तीन शातिरों के पास हैं। पुलिस को अब शक है कि यह गिरोह मुजफ्फरपुर और वैशाली में पिछले दो तीन सालों में हुए लूटकांड में शामिल हो सकता है। इन जिलों के कई कांडों का खुलासा नहीं हुआ है। क्योंकि, अमन दो साल पहले मुजफ्फरपुर के एक बड़े कोचिंग संस्थान में एचओडी था।