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राजकुमार वैश्य ने 98 साल की उम्र में की थी पीजी, लिम्का बुक में दर्ज है नाम, 101 की उम्र में ली अंतिम सांस
पटना (Bihar) । जज्बा हो तो पढ़ाई के लिए उम्र मायने नहीं रखती। इसे सिद्ध कर दिखाया था राजकुमार वैश्य (Rajkumar Vaishy)ने। जिन्होंने नालंदा ओपन विश्वविद्यालय (Nalanda Open University) से 98 साल के उम्र में पीजी किया था। जिनका 101 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। बता दें कि राजकुमार वैश्य का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Limca Book of World Record) में सबसे अधिक उम्र में स्नातकोत्तर की उपाधि लेने के लिए दर्ज है। उनकी इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी उनके घर जाकर उनसे मुलाकात की थी।
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राजकुमार वैश्य मूल रूप से यूपी के बरेली के राजेंद्र नगर निवासी थे। वह 1934 में गवर्नमेंट हाईस्कूल, बरेली से द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण हुए थे। आगरा विश्वविद्यालय से 1938 में बैचलर ऑफ आट्र्स तथा 1940 में बैचलर ऑफ लॉ की परीक्षा पास की थी। इनके तीनों बेटे रिटायर हो चुके हैं। (फाइल फोटो
राजकुमार वैश्य के बेटे एनआइटी से रिटायर्ड प्रो. संतोष कुमार बताते हैं कि कोडरमा स्थित माइका कंपनी में कई दशक तक उनके पिता राज कुमार वैश्य जीएम के पद पर कार्यरत थे। पढने-पढ़ाने का शौक सेवानिवृत्त होने के बाद बढ़ता ही चला गया। (फाइल फोटो)
राज कुमार वैश्य ने जब 2015 में एमए में नामांकन के लिए 96 वर्ष की उम्र में आवेदन किया तो नालंदा ओपन विश्व विद्यालय प्रशासन ने उनके लिए नियमों में बदलाव किया। प्रवेश पत्र से लेकर शिक्षा सामग्री को उनके घर पहुंचाया था। (फाइल फोटो)
राजकुमार वैश्य ने 2015 में नामांकन लेने के बाद हर दिन छह घंटे पढ़ाई करते थे। हिंदी में बुक होने के कारण शुरुआती दिनों में उन्हें थोड़ी परेशानी हो रही थी। उन्होंने बताया कि पहले सभी पाठ्यक्रम को अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया। परीक्षा अंग्रेजी माध्यम से ही दी थी।(फाइल फोटो)
राजकुमार वैश्य परीक्षा के दौरान स्वस्थ रहने के लिए काफी सतर्कता बरतते थे। पेट खराब और कफ नहीं हो इसके लिए अपनी पसंद के खाने को छोड़ दिए थे। (फाइल फोटो)
नालंदा ओपन विश्वविद्यालय से एमए में नामांकन लेने के बाद लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने राजकुमार वैश्य को देश में सबसे अधिक उम्र का विद्यार्थी घोषित किया था। इसके लिए उन्हें प्रमाणपत्र सौंपा गया था। (फाइल फोटो)
राजकुमार वैश्य ने एमए की 2017 में परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। इसके बाद सबसे अधिक उम्र में एमए की डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया था। (फाइल फोटो)
राजकुमार वैश्य पुत्रवधु प्रो. भारती एस. कुमार (पटना विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष) ने बताया कि उन्हें रसगुल्ला काफी पसंद था। जिसे परीक्षा पास करने के बाद मांगकर खाए थे। वह अपने जीवन के आखिरी समय तक अर्थशास्त्र की पुस्तक लिखने में व्यस्त बताए जाते हैं। (फाइल फोटो)